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महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट से पहले मुंबई में बढ़ी सुरक्षा, DCP रैंक के 20 अफसर तैनात

महाराष्ट्र में उपजे सियासी संकट को देखते हुए होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए कई बड़े अधिकारियों की तैनाती हो रही है. इसमें DCP रैंक के 20 अफसर तैनात किए गए हैं. इसके अलावा भी कई अफसर तैनात किए जाएंगे.

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उद्धव ठाकरे फोटो-इंडिया टुडे
उद्धव ठाकरे फोटो-इंडिया टुडे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई में सुरक्षा बढ़ाई गई
  • DCP रैंक के 20 अफसर तैनात

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच फ्लोर टेस्ट के खिलाफ महा विकास अघाडी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर सुनवाई हो रही है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट को लेकर सरकार को नोटिस दे दिया है. फ्लोर टेस्ट से पहले मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. DCP रैंक के 20 अफसर तैनात किए गए हैं. इसके अलावा ACP रैंक के 45 अफसर, 225 PI, API/PSI 725, LPC 1250, SRPF की दस कंपनियां, 750 अतिरिक्त बल और 2500 जवान तैनात रहेंगे. जवानों की संख्या और ज्यादा बढ़ाने के लिए मुंबई पुलिस इस पर काम कर रही है.

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इस्तीफा दे सकते हैं उद्धव ठाकरे
राजनीतिक संकट के बीच CM उद्धव ठाकरे ने बड़ा संकेत देते हुए कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ जाता है, ऐसी स्थिति में वे फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं. अभी तक को आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि वे इस्तीफा भी दे सकते हैं. 

औरंगाबाद का नाम बदला
बता दें कि सियासी उठापटक के बीच उद्धव सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए औरंगाबाद का नाम बदल दिया है. अब औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने का फैसला लिया गया है.

वैसे बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदले जाने को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने खुशी जाहिर की. लेकिन उनकी तरफ से ये भी कहा गया कि इस समय उनके अपनों ने ही उनके साथ धोखा दिया है.

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इस पूरे मामले में शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखा था. जबकि, शिंदे गुट की तरफ से कोर्ट में नीरज किशन कौल ने अपनी दलील रखी. सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें आज ही फ्लोर टेस्ट को लेकर जानकारी मिली है. जब तक विधायकों का सत्यापन नहीं हो जाता, फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता है.

लेकिन सिंघवी की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या फ्लोर टेस्ट के लिए कोई न्यूनतम समय होता है. क्या संविधान में ऐसा लिखा है कि अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो सरकार बदल जाती है, तो दोबारा फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता?

 

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