गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार को प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर लहराने वाली लड़की के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. महक मिर्जा प्रभु ने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी(जेएनयू) हिंसा के विरोध में सोमवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर लहराया था.
उनके खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में धारा 153बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने अभी तक इस मामले में महक मिर्जा प्रभु से पूछताछ नहीं की है.
पुलिस सूत्रों का दावा है कि महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी के तहत केस दर्ज किया गया है. उन पर राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करने का आरोप है. पुलिस ने बयान देने के लिए उन्हें अब तक तलब नहीं किया है.
पुलिस महक मिर्जा से बातचीत करने की कोशिश कर रही है. पुलिस इस मामले में महक का बयान दर्ज करेगी .एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि प्रदर्शन के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियोज की भी जांच की जा रही है.#WATCH Mumbai: Poster reading, 'Free Kashmir' seen at Gateway of India, during protest against yesterday's violence at Delhi's Jawaharlal Nehru University. #Maharashtra pic.twitter.com/i7SeImYxCE
— ANI (@ANI) January 6, 2020
बीजेपी ने जताई थी आपत्ति
भारतीय जनता पार्टी ने पोस्टर पर कड़ी आपत्ति जताई थी और इस मामले में तत्काल जांच की मांग की थी. बीजेपी ने शिवसेना, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) और कांग्रेस की मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.
महक का बचाव करते हुए शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने कहा था कि ऐसा भी हो सकता है कि महक ने पिछले कई महीनों से घाटी में इंटरनेट और मोबाइल बंद करने से आजादी मांगी हो.
महक ने पेश की पोस्टर पर सफाई
इस मामले पर जैसे ही विवाद बढ़ा महक मिर्ज़ा प्रभु ने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि प्लेकार्ड केवल कश्मीर में तालाबंदी के विरोध में था. इसके अलावा कोई और मंशा उनकी नहीं थी. महक ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी करके विवाद पर सफाई दी है.
महक ने कहा है कि वह पेशे से एक लेखिका हैं. वह कश्मीर से नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र की ही रहने वाली हैं. महक का कहना है कि उनके पोस्टर के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से विवाद हुआ है, इससे उन्हें झटका लगा है. इसके पीछे कोई एजेंडा या मोटिव नहीं था. महक का कहना है कि उनके पोस्टर के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से विवाद हुआ है, इससे उन्हें झटका लगा है. इसके पीछे कोई एजेंडा या मोटिव नहीं था.