साल के पहले ही दिन हुई पुणे के भीमा-कोरेगांव में एक कार्यक्रम के दौरान अचानक भड़की हिंसा ने पूरे देश का ध्यान खींचा था. जिसकी तफ्तीश में पूणे पुलिस लगी हुई है. भीमा-कोरेगांव में अचानक भड़की हिंसा में तोड़फोड़ भी हुई. पुलिस ने तीन जनवरी को हुए तोड़-फोड़ से संबंधित 2,000 से ज्यादा वीडियो जुटा लिए हैं.
पुणे जिले के भीमा कोरेगांव में स्मारक देखकर लौट रहे दलितों के साथ हुई हिंसा के दो दिन बाद दलित नेता और भरीप बहुजन महासंघ अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने राज्य भर में बंद का भी आह्वान किया था. मुंबई सहित राज्य के विभिन्न स्थानों पर बंद के दौरान तोड़-फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई थी.
आपको बता दें कि यह समारोह, भीमा-कोरेगांव युद्ध में अंग्रेज़ों ने महाराष्ट्र के महार समाज की मदद से पेशवा की सेना को हराया था, और इस जीत का स्मारक बनवाया था. तो महार समाज इसे हर साल अपनी जीत के तौर पर मनाते हैं. कोरेगांव भीमा की लड़ाई को 200 वर्ष होने के उपलक्ष्य में 1 जनवरी 2018 को रखा गया था. जिसमें शामिल होने लाखों की संख्या में लोग आए थे. हिंसा के बाद अब पुलिस की जांच से गांववाले खासे त्रस्त हुए और एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने हिंसा के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार बताया था.
पुणे ग्रामीण पुलिस मुख्यालय से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने 2,000 से ज्यादा वीडियो रिकॉर्डिंग जुटाए हैं. ये रिकॉर्डिंग या तो पुलिस कर्मियों ने अपने मोबाइल फोन के वीडियो कैमरे से कैद किए हैं या सीसीटीवी कैमरे के हैं.” उन्होंने कहा, “ विभिन्न तबकों के लोग इन उपद्रवियों को पहचानने में हमारी मदद कर रहे हैं.”
इसी बीच सरकार ने राहुल फतंगले के परिवार को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा है. फतंगले की मौत एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में
हिंसा के दौरान हो गई थी. वह काम से बाहर निकले थे. उन्होंने छत्रपति शिवाजी के प्रिंट की शर्ट पहनी थी. जिसकी वजह से वह उस भड़की आग के हवाले हो गए.