scorecardresearch
 

मुंबई: 5 हजार रुपये के लिए नाना की हत्या का आरोपी कोर्ट से बरी

आरोपी सुशांत को सिगरेट पीने की लत थी और वह अपने नाना-नानी से पैसे की मांगने की कोशिश इस हद तक करता था कि अगर उसे पैसे नहीं मिलते, तो वह झगड़ा करता था.

Advertisement
X
5 हजार रुपए के लिए अपने नाना की हत्या का आरोपी मुंबई कोर्ट से बरी
5 हजार रुपए के लिए अपने नाना की हत्या का आरोपी मुंबई कोर्ट से बरी

मुंबई (Mumbai) की सेशन कोर्ट ने एक ऐसे आरोपी व्यक्ति को बरी कर दिया है, जिसने 2022 में 5000 रुपये के लिए अपने ही नाना की हत्या कर दी थी. कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष के मामले की सत्यता पर संदेह है और इसका लाभ आरोपी को दिया जाना चाहिए. एडिशनल सेशन जज एनपी त्रिभुवन ने आरोपी को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश सुबूत आरोपी के अपराध को स्थापित नहीं करता है क्योंकि जिन परिस्थितियों से अपराध का अनुमान लगाया जा रहा है, वह ठोस नहीं नजर आ रहा है. ये नहीं तय हो पा रहा है कि अपराध आरोपी ने किया है, या फिर किसी और व्यक्ति ने किया.

Advertisement

अभियोजन पक्ष का मामला यह था कि पीड़ित लक्ष्मण घुगे एक रिटायर्ड BEST बस कंडक्टर थे, जो वडाला में रहते थे. आरोपी सुशांत को सिगरेट पीने की लत थी और वह अपने नाना-नानी से पैसे की मांगने की कोशिश इस हद तक करता था कि अगर उसे पैसे नहीं मिलते, तो वह झगड़ा करता था.

नाना के साथ अकेले रहता था आरोपी

8 फरवरी, 2022 को नेरुल में आरोपी की दादी अपनी बेटी के साथ रहने के लिए गईं, जबकि सुशांत ने वडाला में अपने नाना के साथ रहने का विकल्प चुना. अगले दिन जब दादी लौटीं तो उन्होंने देखा कि दरवाजे पर ताला लगा है, लेकिन चाबी पास में ही पड़ी थी. इसके बाद उन्होंने घर खोलकर देखा तो उन्होंने अपने पति को खून में लथपथ पाया. 

पड़ोसियों ने महिला को बताया कि उन्होंने नाना और सुशांत के बीच झगड़े और काफी शोर-शराबे की आवाजें सुनी थीं, लेकिन यह रोजाना की बात थी, इसलिए उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. सुशांत की दादी उसका पता नहीं लगा पाईं और पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई.

Advertisement

यह भी पढ़ें: सुलझ गया बारामती का झगड़ा! मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ने शिवतारे को बदले में क्या दिया? मुंबई में देर रात हुई मीटिंग

मृतक की तरफ से पेश वकील ने क्या कहा?

कोर्ट में, सहायक लोक अभियोजक रंजना बुधवंत ने तर्क दिया कि मामला परिस्थिति से जुड़े साक्ष्य पर आधारित है और गवाहों के साक्ष्य से कई परिस्थितियां नजर आती हैं, जो मेडिकल एविडेंस और अन्य साक्ष्य से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने आगे कहा कि घटना के वक्त, केवल आरोपी और मृतक ही घर में मौजूद थे. जांच अधिकारी ने घटना स्थल से लकड़ी बरामद की है. लकड़ी पर खून के धब्बे हैं और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आरोपी ने स्वीकार किया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्ति की मौत हत्या है. 

आरोपी के वकील का तर्क

सुशांत की तरफ से पेश वकील प्रकाश सालसिंगिकर ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष द्वारा सभी परिस्थितियों पर नजर नहीं रखी गई है. क्योंकि यह दिखाने के लिए कोई सुबूत नहीं है कि आरोपी ने घटना के बाद घर छोड़ दिया था. उन्होंने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य नहीं इकट्ठा किए हैं. अगर अभियोजन CCTV फुटेज इकट्ठा करेगा, तो निश्चित तौर से यह रिकॉर्ड पर आ जाएगा कि घटना के वक्त घर में कौन दाखिल हुआ था.

Advertisement

सालसिंगिकर ने आगे कहा कि गवाहों के साक्ष्य में बड़ी चूक थीं. इसके अलावा, जांच अधिकारी ने कथित हथियार और कमरे में पाए गए सामानों पर मौजूद उंगलियों के निशान इकट्ठा करने में कोई परेशानी नहीं की. इस तरह, उपरोक्त तथ्य अभियोजन पक्ष के मामले में संदेह पैदा करते हैं और इसलिए, अभियोजन सभी उचित संदेह से परे आरोपी के अपराध को साबित करने में सफल नहीं रहा है. सालसिंगीकर ने यह भी कहा कि लड़के के नाना एक सामाजिक कार्यकर्ता थे और कई लोग उनसे मिलते थे, इसलिए संभावना है कि अज्ञात व्यक्ति ने चोरी करते वक्त मृतक की हत्या की है.

यह भी पढ़ें: मुंबई कोर्ट द्वारा पुलिस हिरासत में भेजा गया शीजान, देखें ASP चंद्रकांत जाधव ने क्या बताया

जज ने कहा कि घटना स्थल पर आरोपी के घर कें अंदर जाने और बाहर आने की  परिस्थिति अभियोजन पक्ष द्वारा स्थापित नहीं की गई है. इसके अलावा कोर्ट ने माना कि CCTV फुटेज से घटना के बाद आरोपी के घर छोड़ने के बारे में पता चलेगा. लेकिन जांच करने वालों ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने जिन CCTV फुटेज की जांच की, उनमें से किसी में आरोपी नहीं देखा गया था. 
 

Live TV

Advertisement
Advertisement