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मुंबई हमले की पीड़िता को अब तक नहीं मिला घर, बॉम्बे HC का किया रुख

देविका रोतावन ने अर्जी में कहा है कि उसके परिवार को मकान दिया जाए और कुछ ऐसा प्रबंध किया जाए जिससे कि वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके. 26 नवंबर 2011 को हमले के दिन देविका छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन (सीएसटी) पर थी. उसे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अजमल आमिर कसाब ने गोली मार दी थी. देविका के दाहिने पैर में गोली लगी थी.

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देविका रोतावन
देविका रोतावन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकारी वादे अब तक नहीं हुए पूरे
  • बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची पीड़िता
  • सरकार से मकान दिलाने की अर्जी

मुंबई हमले की एक पीड़िता ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस पीड़िता का नाम देविका रोतावन है. देविका रोतावन मुंबई हमले की पीड़िता होने के साथ ही चश्मदीद गवाह भी है. रोतावन का पूरा परिवार फिलहाल भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है. उसने सरकार से मांग की है कि ईडब्ल्यूएस स्कीम के तहत मकान देने का जो वादा किया गया था, उसे पूरा किया जाए. रोतावन ने इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका भी डाली है.

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देविका रोतावन ने अर्जी में कहा है कि उसके परिवार को मकान दिया जाए और कुछ ऐसा प्रबंध किया जाए जिससे कि वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके. इस मामले पर सुनवाई के लिए इसी हफ्ते केस को अधिसूचित किया जाएगा. 26 नवंबर 2011 को हमले के दिन देविका छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन (सीएसटी) पर थी. उसे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अजमल आमिर कसाब ने गोली मार दी थी. देविका के दाहिने पैर में गोली लगी थी. 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, देविका ने कसाब को गोली चलाते हुए देखा था. हमले के बाद देविका के 6 सर्जिकल ऑपरेशन हुए और उसे 6 महीने बेड पर रहना पड़ा. हॉस्पिटल में दाखिले के दौरान कई नेताओं ने उसे मदद देने का आश्वासन दिया. ईडब्ल्यूएस स्कीम के तहत मकान देने का भी वादा किया गया था. सरकार ने पढ़ाई का भी खर्च उठाने को कहा था. देविका ने एएनआई से कहा कि अभी तक कोई वादा पूरा नहीं हो सका है.

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देविका ने कहा, लॉकडाउन के दौरान कई परेशानियां बढ़ गई हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार की ओर से मदद चाहती हूं. सरकार की ओर से मुझे कहा गया था कि मकान मिलेगा. अन्य मदद का भी वादा किया गया. लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो पाया है. मुझे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से 10 लाख की सहायता राशि मिली थी जो मेरे टीबी के इलाज में खर्च हो गया. मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं लेकिन जो वादे मेरे से किए गए, वे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं.

देविका ने कहा, मेरे परिवार के लिए एक मकान की व्यवस्था की जाए. मेरे मकान मालिक ने कहा है कि अगर किराया नहीं दे सकते तो कहीं और मकान देख लें. देविका ने हाईकोर्ट में दी गई याचिका में कहा है कि सरकार ने जो वादे किए, वे अभी पूरे नहीं हो पाए हैं. जो कुछ सहायता राशि मिली, वह इलाज पर खर्च हो गया.

 

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