मुंबई में मूसलाधार बारिश के कारण लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. बारिश ने कई लोगों की जान भी ले ली है. वहीं बारिश के कारण मुंबई में पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है.
मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली सात झीलों में 4 जुलाई तक 1.73 लाख मिलियन लीटर का भंडार था. 27 जून से झीलों को एक लाख मिलियन लीटर से अधिक पानी हासिल हुआ है. बीएमसी ने इस स्थिति को थोड़ा बेहतर बताया है. हालांकि इसके बाद भी मुंबई के लोगों को पानी की कटौती का सामना करना पड़ रहा है.
हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान जल भंडार झीलों की पूर्ण क्षमता का 12.02 प्रतिशत है. अधिकारियों ने कहा कि झीलों के जलग्रहण क्षेत्र में बहुत अच्छी बारिश नहीं हो रही है. पिछले एक हफ्ते में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित वेहर और तुलसी झीलों में क्रमशः 1,158 mm और 1,496 mm ज्यादा बारिश हुई है. नागरिक निकाय के मुताबिक तुलसी का जल स्तर 137.11 मीटर और वेहर का 76.54 मीटर है, जबकि उनकी पूरी क्षमता क्रमशः 139.17 मीटर और 80.12 मीटर है.
दूसरी तरफ मुंबई वर्तमान में 10 फीसदी पानी की कटौती झेल रहा है और पिछले साल नवंबर से आपूर्ति की अवधि में 15 फीसदी कटौती से गुजर रहा है. अपर्याप्त बारिश के कारण झील के स्तर में गिरावट के बाद पानी की कटौती की गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई में पानी की कटौती पर पुनर्विचार करने के लिए झीलों में लगभग 23 प्रतिशत पानी का स्टॉक होना चाहिए.
कितना स्टॉक
झीलों वाले इलाके की तुलना में शहर में अधिक बारिश हुई है. जबकि 4 जुलाई 2018 को झीलों में 3.25 मिलियन लीटर (22.45 प्रतिशत) पानी का स्टॉक था. 2017 में उसी दिन 6.22 मिलियन लीटर पानी (43.01 प्रतिशत) के साथ स्थिति काफी बेहतर थी. यहां सात झीलें हैं- वेहर, तुलसी, तांसा, मोदक सागर, अपर वैतरणा, भातसा और मध्य वैतरणा. जहां सामान्य आपूर्ति होने पर प्रतिदिन लगभग 3,750 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति होती है. इन झीलों की पूरी क्षमता 14.47 लाख मिलियन लीटर है.
बता दें कि मानसून की देरी के बाद मुंबई जल संकट की ओर बढ़ रहा था. 27 जून को 4.95 प्रतिशत पानी के स्टॉक के साथ झील का स्तर निम्नतम स्तर पर पहुंच गया था.