मुंबई की एक महिला जिंदगी के आखिरी सफर पर जाते-जाते तीन लोगों को जिंदगी रोशन कर गई. डॉक्टर्स ने 43 साल की नंदिनी गोपाल को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. जिसके बाद नंदिनी के परिवार ने यह फैसला लिया कि उसके शरीर के ठीक काम कर रहे अंगों को दान कर देंगे.
नंदिनी गोपाल को पिछले हफ्ते अचानक तेज सिर में दर्द हुआ था. जिसके बाद घर वाले तुंरत नंदिनी को अस्पताल लेकर गए. जहां पता चला कि नंदिनी का ब्रेन हैमरेज हुआ है. अस्पताल में भर्ती किए जाने के एक दिन बाद डॉक्टरों ने नंदिनी का ब्रेन डेड घोषित कर दिया.
नंदिनी के पति श्रीराम गोपाल को डॉक्टरों ने ये भी बताया कि सिवाय ब्रेन के नंदिनी के सारे अंग सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. ऐसी मुश्किल घड़ी में श्रीराम ने एक ऐसा फैसला लिया जिससे कई जिंदगियां आबाद हो गईं.
नंदिनी के पति श्रीराम गोपाल ने बताया, नंदिनी अक्सर इस तरह की बात करती थी कि लोग क्यों अपने अंग डोनेट नहीं करते हैं. ऐसे में मुझे लगा कि अगर हम उसके अंग डोनेट करेंगे तो उसे खुशी ही पहुंचेगी. नंदिनी एक प्राइवेट कंपनी में एचआर प्रोफेशनल थी. परिवार के लिए नंदिनी की इस तरह अचानक हुई मौत के सदमे से उबरना आसान नहीं है. पर उनके अंग दान करके तीन लोगों को नई जिंदगियां देना कहीं ना कहीं बड़ा सुकून पहुंचाता है.