महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और मुंबई के बड़े नेता बाबा सिद्दीकी इसी महीने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए, जिसके बाद उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी को मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इसको लेकर जीशान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुस्लिमों के साथ भेदभाव करती है. कांग्रेस में जितना संप्रदायवाद है, उतना किसी और पार्टी में नहीं है.
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए जीशान सिद्दीकी ने कहा, "राहुल गांधी अच्छा काम करते हैं, लेकिन उनकी टीम बेहद भ्रष्ट है. कांग्रेस हमेशा मुस्लिम समुदाय के बारे में सकारात्मक बातें करती हैं, लेकिन उस तरह का काम नहीं करती."
जीशान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के वोट चाहती है, लेकिन कांग्रेस उन्हें सुरक्षित नहीं कर सकती और उनके साथ हमेशा सौतेला व्यवहार करती है. मुंबई कांग्रेस की लिस्ट निकाल कर देखिए कितने वरिष्ठ नेता मुस्लिम हैं? मुंबई यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद मुझसे कहा गया कि टीम में ज्यादा मुसलमानों को शामिल न किया जाए. जब इस बात की चर्चा होती है कि मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा तो कहा जाता है कि मुस्लिम नाम नहीं चाहिए. मुंबई कांग्रेस के इतिहास में कभी कोई मुस्लिम अध्यक्ष नहीं बना.
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा नांदेड़ में थी, उस समय मैंने उनसे मिलने की कोशिश की थी. उस उनके एक करीबी ने मुझसे कहा था, "मुझे 10 किलो वजन कम करना चाहिए और फिर वह मुझे उनसे मिलवाएंगे."
मैंने पहले ही कहा था कि मैं कांग्रेस में ही रहूंगा: जीशान सिद्दीकी
जीशान ने कहा कि जब मेरे पिता बाबा सिद्दीकी ने एनसीपी अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया उसी वक्त मैंने यह साफ कर दिया था कि मैं कांग्रेस में ही रहूंगा. यह बात मैंने एक बार नहीं बार-बार कही थी. बावजूद इसके मेरे खिलाफ मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाने की कार्रवाई की गई. सिद्दीकी ने कहा कि मेरे खिलाफ की गई इस एकतरफा कार्रवाई के बाद मैं अब यह नहीं कह सकता कि मैं कांग्रेस में ही रहूंगा.
मुंबई यूथ कांग्रेस के इतिहास में सबसे ज्यादा वोट मुझे मिले: जीशान
इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा था कि मुझे मुंबई यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए 88,517 सदस्यों ने वोट किया था. यह मुंबई यूथ कांग्रेस के इतिहास में सबसे ज्यादा हैं. यह कोई नामांकित पद नहीं है, जो मुझे पैरवी करने या नेताओं की हां में हां मिलाने से मिला है. मैंने इसके लिए चुनाव जीता था. संगठन को 12 साल देने और तीन चुनाव लड़ने के बाद ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे पार्टी से बाहर किए जाने की सूचना सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए मिली.
कौन हैं बाबा सिद्दीकी?
बता दें कि इसी महीने बाबा सिद्दीकी कांग्रेस को छोड़कर अजित पवार की एनसीपी में शामिल हो गए थे. बाबा सिद्दीकी 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम से महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार के सामने हार का सामना करना पड़ा था. बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.