कर्नाटक के मैसूर निवासी दक्षिणामूर्ति कृष्णकुमार अपनी 73 वर्षीय बुजुर्ग मां चौदारथना अम्मा को लेकर भारत भ्रमण पर निकले हैं. अब तक वो अपने पुराने स्कूटर से अपनी मां के साथ 65 हजार किलोमीटर का सफर कर चुके हैं. इस समय वह महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचे हैं. उनकी इस यात्रा के बारे में उद्योगपति आनंद महिंद्रा को पता चलने पर उन्होंने दक्षिणामूर्ति को एक कार भेंट की थी.
इन दिनों दक्षिणामूर्ति और उनकी मां हेल्मेट पहनकर पुराने स्कूटर पर सवार होकर नागपुर की सड़कों पर भ्रमण करते हुए नजर आ रहे हैं. इस मां-बेटे की कहानी बेहद दिलचस्प है. दक्षिणामूर्ति ब्रह्मचारी हैं, उन्होंने शादी नहीं की.
वह बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पद पर थे. साल 2016 से पहले दक्षिणामूर्ति ज्वाइंट फैमिली में रहते थे, उनका 10 लोगों का परिवार था. पिता की मृत्यु के बाद वह अपनी मां के साथ बंगलुरु आ गए.
'घर के अलावा मां ने नहीं देखी थी दुनिया'
दक्षिणामूर्ति बताते हैं कि उनकी मां चौदारथना अम्मा ने घर और घर की चारदीवारों के अलावा बाहर की दुनिया कभी नहीं देखी थी. एक दिन दक्षिणामूर्ति की मां ने बेटे से कहा कि वह भारत भ्रमण करना चाहती हैं. इसके बाद दक्षिणामूर्ति ने अपनी मां की इच्छा के लिए अपनी मोटी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी.
2018 में मां के साथ भारत भ्रमण पर निकले थे दक्षिणामूर्ति
साल 2018 में दक्षिणामूर्ति अपनी मां के साथ पुराने स्कूटर से निकल पड़े और अब तक भारत भ्रमण कर रहे हैं. दक्षिणामूर्ति अब तक स्कूटर से 65 हजार किलोमीटर की यात्रा अपनी मां के साथ कर चुके हैं. वह देश के लगभग सभी प्रमुख स्थानों, मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं.
दक्षिणामूर्ति की कहानी जब देश के उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने सुनी तो उन्होंने महिंद्रा कंपनी की कार भेंट कर दी थी, लेकिन उस कार का इस्तेमाल दक्षिणामूर्ति अपने गांव में बेहद जरूरी होने पर ही करते हैं.
दक्षिणामूर्ति बोले- देश के लगभग सभी मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं
दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार ने कहा कि चौदारथना अम्मा की आयु 73 वर्ष है, लेकिन वो एकदम फिट हैं. वहीं चौदारथना अम्मा कहती हैं कि मुझे बेटे पर गर्व है, क्योंकि उसने मुझे देश के लगभग सभी मंदिरों के दर्शन करवाए हैं. आज के बेटे भी मेरे बेटे से प्रेरणा लें. चौदारथना अम्मा ने कहा कि इन दिनों कई बार हम सुनते हैं कि वृद्ध अवस्था में बेटे ने अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ दिया. ऐसे में मेरा बेटा देश भ्रमण करा रहा है, यह अनोखी मिसाल उन्होंने कायम की है.