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नागपुर हिंसा: महाल के बाद हंसपुरी इलाके में देर रात बवाल, उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों को फूंका

हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता ने बताया कि भीड़ रात 10.30 से 11.30 के बीच आई और पत्थर फेंके और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस एक घंटे बाद मौके पर पहुंची. इससे पहले महाल इलाके में बवाल हुआ था.

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नागपुर में भड़की हिंसा.
नागपुर में भड़की हिंसा.

महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार को भड़की हिंसा के बाद देर रात एक और इलाके में आगजनी की खबर सामने आई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हंसपुरी इलाके में भी उपद्रवियों ने कई दुकानों और घरों को निशाना बनाया है. पुलिस ने शहर में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए हैं. नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंगल ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 को शहर में लागू किया गया है. दरअसल, झड़प की पहली घटना सोमवार को शाम करीब 7.30 बजे महाल के चितनीस पार्क क्षेत्र में हुई थी. 

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वहीं, दूसरी झड़प रात 10.30 से 11.30 बजे के बीच हंसपुरी इलाके में पुराना भंडारा रोड के पास हुई. इस दौरान एक उग्र भीड़ ने कई वाहनों को जलाया और इलाके में घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी.

यह भी पढ़ें: 'प्लानिंग के साथ की गई हिंसा, उपद्रवियों को बख्शेंगे नहीं', नागपुर हिंसा पर बोले डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता ने बताया कि भीड़ रात 10.30 से 11.30 के बीच आई और पत्थर फेंके और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस एक घंटे बाद मौके पर पहुंची. एक अन्य निवासी चंद्रकांत कावड़े ने कहा कि भीड़ ने उनके सभी सजावट के सामान को जला दिया और घरों पर पत्थर फेंके. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि हंसपुरी इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है. फिलहाल इलाके में शांति है.

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हंसपुरी इलाके के एक प्रत्यक्षदर्शी और स्थानीय व्यक्ति ने बताया, कुछ लोग यहां आई, उनके चेहरे दुपट्टे से छिपे हुए थे. उनके हाथों में धारदार हथियार, स्टिकर और बोतलें थीं. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया. उन्होंने 8-10 वाहनों में आग लगा दी.

बता दें कि औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम दो गुटों में हिंसक झड़प हुई थी. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. पत्थरबाजी से कई पुलिसवाले भी जख्मी हुए हैं.

ये हिंसा उन दावों के बाद हुई, जिनमें मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल समेत कुछ हिंदू संगठनों के सदस्यों ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कपड़े को जलाया, जिस पर धार्मिक बातें लिखी हुई थीं. ये विरोध संभाजीनगर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किया गया था. स्थानीय प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

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सीएम ने की शांति की अपील

नागपुर की हिंसक झड़प को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागरिक इस स्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों को उनका सहयोग करना चाहिए. देवेन्द्र फडणवीस ने किसी भी अफवाह पर यकीन न करने और प्रशासन का पूरा सहयोग करने की अपील की है.

नागपुर पुलिस का कहना है कि महाल इलाके में पथराव और आगजनी की घटना के बाद नागपुर पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा जारी कर दी है. अब तक 20 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उनके पास मौजूद दूसरे वीडियो क्लिप्स खंगाले जा रहे हैं. मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस ने शहर में शांति बनाए रखने और नागपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील भी की है.

महाराष्ट्र के मंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, पहली प्राथमिकता समाज में शांति बहाल करना और अफवाहों से दूर रखना है. जांच के बाद पता चलेगा कि अशांति क्यों हुई. लेकिन नागपुर के लोगों को अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए और पुलिस प्रशासन का समर्थन करना चाहिए. पुलिस शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है. हम सभी ने शांति बनाए रखने और नागपुर शहर की प्रतिष्ठा को बनाए रखने का आग्रह किया है. मैं महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं से आग्रह करता हूं कि वे एक साथ आएं और समाज को शांतिपूर्ण बनाने का प्रयास करें और लोगों को समझाएं कि दंगाइयों की पहचान पुलिस द्वारा की जाएगी, लेकिन इस घटना को राजनीतिक रूप न दें.

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