मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत देने के कुछ दिनों बाद, नागपुर नगर निगम (NMC) ने सोमवार को फहीम खान के अवैध रूप से निर्मित घर को ध्वस्त कर दिया. फहीन खान कथित तौर पर नागपुर के महल, हंसपुरी और भालदारपुरा इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे का मास्टरमाइंड है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से 22 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संवाददाताओं ने पूछा था कि क्या उत्तर प्रदेश की तरह नागपुर में भी दंगाइयों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाएगा? इस सवाल पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था, 'जब सही समय आएगा, तब कार्रवाई की जाएगी.' इसके कुछ ही दिनों बाद एनएमसी ने फहीम खान के अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी.
फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) का नागपुर शहर अध्यक्ष है. उसने कथित तौर पर यशोधरा नगर के संजय बाग कॉलोनी में प्लॉट नंबर 61/ए पर अवैध निर्माण कराया था. एनएमसी ने पहले महिरुनिस्सा शमीम खान के नाम से एक नोटिस जारी किया था, जिसकी एक प्रति फहीम खान के घर पहुंचाई गई थी. इस नोटिस में फहीम खान और उसके परिजनों से कहा गया था कि एक सप्ताह के अंदर वे अपना अवैध निर्माण तोड़ लें, वरना नागपुर नगर निगम की ओर से बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी.
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#WATCH | Maharashtra: Police in Nagpur arrive at the residence of Nagpur violence accused Faheem Khan, with a bulldozer. pic.twitter.com/pJenvIVcZu
— ANI (@ANI) March 24, 2025
नागपुर नगर निगम के अधिकारियों ने पुष्टि की कि प्लॉट नंबर 61/ए पर पर लगभग 900 वर्ग फीट में अवैध निर्माण हुआ था, जिसके कारण इसे ध्वस्त कर दिया गया. फहीम खान को नागपुर में हुए दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उस पर देशद्रोह का भी मामला दर्ज किया गया है और पुलिस सांप्रदायिक हिंसा में उसकी कथित भूमिका की विस्तृत जांच कर रही है. नागपुर में गत 17 मार्च को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर महल में गांधी गेट के पास शिवाजी चौक पर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने औरंगजेब का पुतला जलाया.
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हरे रंग का एक झंडा जला दिया, जिस पर पवित्र आयतें लिखी थीं. इसी अफवाह के बाद नागपुर में हिंसा भड़क गई. दंगाइयों ने कई सरकारी और निजी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. दुकानों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थर फेंके. हिंसा के बाद, पुलिस ने बांग्लादेशी नेटवर्क से संभावित संबंधों की जांच के लिए फहीम खान और उसके सहयोगी हमीद इंजीनियर के मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे. फहीन पर आरोप लगाया गया है कि उसने सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो शेयर किए थे जिससे हिंसा भड़की.
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साइबर पुलिस प्रोडक्शन वारंट के ज़रिए उसे हिरासत में लेने की प्रक्रिया में है. एनएमसी अधिकारियों ने 20 मार्च को फहीन के घर का निरीक्षण किया था और कहा था इसका निर्माण महाराष्ट्र रीजनल एंड टाउन प्लानिंग एक्ट, 1966 का उल्लंघन करके किया गया है. इस बीच, लगभग एक सप्ताह तक चली अशांति के बाद रविवार को नागपुर के दंगा प्रभावित क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि 17 मार्च की हिंसा से शहर का 80 प्रतिशत हिस्सा अप्रभावित है. नागपुर हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.