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नागपुर हिंसा: पुलिस ने एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया, मामले से जुड़े घर से CCTV फुटेज भी जब्त

छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सोमवार को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब की तस्वीर पर चादर और कुछ इस्लामिक प्रतीकों को जलाने की घटना सामने आई, जिसके कारण कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसी को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

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नागपुर में कुछ दिन पहले हिंसा भड़क गई थी (फाइल फोटो)
नागपुर में कुछ दिन पहले हिंसा भड़क गई थी (फाइल फोटो)

नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के मामले में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. मंगलवार को पुलिस ने महल इलाके से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और हिंसा से जुड़े एक मुस्लिम घर से सीसीटीवी का डीवीआर भी जब्त किया. वहीं इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल से जुड़े सात कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इनमें क्षेत्रीय संयुक्त सचिव अमोल ठाकरे भी शामिल हैं. इन कार्यकर्ताओं पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और विरोध प्रदर्शन के दौरान अशांति फैलाने के आरोप लगे हैं.

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दरअसल, सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब की तस्वीर पर चादर और कुछ इस्लामिक प्रतीकों को जलाने की घटना सामने आई, जिसके कारण कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसी को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

पुलिस का कहना है कि इस प्रदर्शन के दौरान कुछ इलाकों में हिंसा भड़क गई थी, जिसके चलते अब तक कई लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. पुलिस ने हिंसा में शामिल संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं और मामले की गहन जांच जारी है.

VHP-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया सरेंडर

कोतवाली पुलिस स्टेशन क्षेत्र में मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के आठ कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जिला सत्र न्यायालय (डिस्ट्रिक्ट सेशंस कोर्ट) में पेश किया. इस मामले में नागपुर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. इनमें सार्वजनिक शांति भंग करने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अवैध रूप से विरोध प्रदर्शन करने के आरोप शामिल हैं.

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पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की

महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि शहर में शांति बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं. हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है, जबकि अन्य राजनीतिक दलों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जरूरी कदम था.

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