
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के आयोजन के बाद औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. इस घटना में 15 से अधिक पुलिसकर्मियों और 5-6 आम नागरिकों को चोट आई, जबकि 25 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा.
घटनाक्रम की शुरुआत
सुबह 7 से 9 बजे तक नागपुर के महल परिसर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिवप्रेमियों ने शिवजयंती का कार्यक्रम आयोजित किया. यह आयोजन शांतिपूर्ण रहा. हालांकि, दोपहर 12 बजे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के 40 से 50 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब के पुतले पर चादर ढंककर उसे आग के हवाले कर दिया.
अफवाहों से बढ़ा तनाव
पुतले पर चादर जलाने की घटना के बाद दूसरे समुदाय के बीच यह अफवाह फैल गई कि यह चादर धार्मिक महत्व की थी. शाम 5 बजे के बाद इलाके में समुदाय विशेष के युवक जमा होने लगे. शाम 7 बजे तक सड़कों पर नारेबाजी शुरू हो गई और देखते ही देखते हजारों की संख्या में युवक सड़क पर उतर आए. इसके बाद पुलिस पर पथराव शुरू हो गया.
हिंसा भड़की, संपत्ति को नुकसान
शाम 7:30 बजे के बाद हिंसा चरम पर पहुंच गई. उपद्रवियों ने लोगों की कारें, बाइक और एक क्रेन में आग लगा दी. कई घरों पर पथराव किया गया.
पुलिस पर भी हमला हुआ, जिसके जवाब में पहले लाठीचार्ज किया गया. हालात बेकाबू होने पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए. इस हिंसा में 15 से अधिक पुलिसकर्मियों और 5-6 आम नागरिकों को चोटें आईं.
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 25 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया. सायबर पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों की जांच शुरू की और 100 से अधिक संदिग्ध खातों की पड़ताल की जा रही है. कुछ वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है.
शांति की अपील
पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है. पुराने वीडियो के वायरल होने की आशंका को देखते हुए भी सतर्कता बरतने को कहा गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी नागपुरवासियों से संयम बरतने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की.
हालात पर नजर
हालांकि, स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन इलाके में तनाव बरकरार है. पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किया है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. इस घटना ने शहर में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.