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दिशा सालियान केस में नारायण राणे और बेटे नितेश को मिली अग्रिम जमानत

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत को लेकर नारायण राणे और नितेश राणे ने आपत्तिजनक बयान दिए थे. इस मामले में मुंबई के मालवणी पुलिस स्टेशन में पिता-पुत्र के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

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नारायण राणे और नितेश राणे (फाइल फोटो)
नारायण राणे और नितेश राणे (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 15,000 रुपये के मुचलके व कुछ शर्तों के साथ मिली राहत
  • आदेश के बाद नितेश राणे ने मुंबई पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

दिशा सालियान की मौत मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके बेटे बीजेपी विधायक नितेश राणे को बुधवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई. सत्र न्यायालय (सेशन कोर्ट) के न्यायाधीश एसयू बघेले ने 15,000 रुपये के मुचलके और गवाहों व जांच के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की शर्त पर दोनों को यह जमानत दी है.

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मुंबई के दिंडोशी कोर्ट आदेश के बाद नारायण राणे के वकील ने मीडिया को बताया कि न्यायाधीश ने नारायण राणे और नितेश राणे को कुछ शर्तों के साथ गिरफ्तारी से पूर्व जमानत दी है और मुंबई पुलिस को इन पर कोई कार्रवाई करने से मना किया है. 

'आकाओं के इशारे पर दर्ज किया है केस'

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत को लेकर पिता-पुत्र ने आपत्तिजनक बयान दिए थे. इस मामले में मुंबई के मालवणी पुलिस स्टेशन में पिता-पुत्र के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अग्रिम जमानत मिलने पर राणे ने कहा कि कोर्ट के आदेश से साबित होता है कि मुंबई पुलिस ने अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर बेबुनियाद आरोपों के आधार पर राणे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

वकील ने मुंबई पुलिस पर भी कसा तंज 

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वकील ने कहा कि मुंबई पुलिस से अब यही अपील करता हूं कि मुंबई में ढेर सारे क्राइम हो रहे हैं. वे उनके पीछे लगें. ऐसे पॉलिटिकल केस में अपना वक्त बर्बाद ना करें. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर साजिश के तहत नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे को फंसाने का आरोप लगाया है.

'हमारा मुंह बंद करने की कोशिश थी'

नितेश राणे ने मीडिया से कहा,' मैं कोर्ट का आभार मानता हूं. लोकतंत्र में लोक प्रतिनिधि होने के नाते हमें यह अधिकार है कि अगर किसी पर अत्याचार हुआ है तो हम आवाज उठाएं. सच बाहर ना आए, इसलिए हमारा मुंह बंद रखने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी. इससे आगे भी जहां-जहां अन्याय होगा, हम आवाज उठाएंगे. महाविकास आघाडी ने जो हम पर दबाव डालने की कोशिश की थी उसके खिलाफ कोर्ट ने यह ऑर्डर दिया है.'

 

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