महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री नारायण राणे ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इसे मंजूर करने से इनकार किर दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि चव्हाण इस संबंध में पार्टी आलाकमान से बात करेंगे जिसके बाद ही कोई आखिरी फैसला करेंगे.
गौरतलब है कि नारायण राणे ने सोमवार को ही पृथ्वीराज चव्हाण से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा था. वह महाराष्ट्र सरकार की कार्यशैली से नाखुश थे. वह कांग्रेस में बने रहेंगे.
दरअसल, इस्तीफे की धमकी के बाद से ही उन्हें मनाने की कोशिशें जारी थीं. पृथ्वीराज चव्हाण ने भी उन्हें मना लेने का भरोसा जताया था, लेकिन बात नहीं बन पाने के बाद राणे ने आज सीएम आवास जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. नारायण राणे शाम 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं.
नारायण राणे 2005 में शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए थे. पिछले कुछ दिनों से वह राज्य की कांग्रेस इकाई से नाराज चल रहे थे. वह सार्वजनिक तौर पर भी कई बार पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके थे. स्थिति बदतर तब हुई जब नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे रत्नागिरी-सिंद्धुगर्ग लोकसभा सीट पर शिवसेना उम्मीदवार से हार गए. राणे को लगता है कि कांग्रेस की साथी एनसीपी ने साजिश करके उनके बेटे को हरवाया.
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दिया था जिसे मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने स्वीकार नहीं किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राणे को लगता था कि चुनाव में करारी हार के बाद वह चव्हाण की जगह मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने का फैसला किया.
आपको बता दें कि राणे ने ही पहले ही साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. हालांकि ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. दरअसल, जननेता गोपीनाथ मुंडे की मौत के बाद बीजेपी राज्य में एक मराठी चेहरे की तलाश में है. बीच में नितिन गडकरी और नारायण राणे की भी खबरें आईं लेकिन सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस नेता ने इसे स्वीकार नहीं किया.