नरेंद्र दाभोलकर बहुचर्चित मर्डर केस के एक आरोपी ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उसने पुणे कोर्ट में दावा किया कि उस पर एटीएस चीफ ने जबरदस्ती हत्या का जुर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर किया और बदले में उसे 25 लाख रुपये ऑफर किए गए.
आरोपी मनीष नागौरी ने कहा कि एटीएस चीफ राकेश मारिया ने सारा जुर्म अपने सिर लेने के बदले उसे 25 लाख रुपये देने की बात कही थी. नागौरी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट एबी शेख को बताया कि उसका मामले से कोई लेना-देना नहीं है. उसने आरोप लगाया कि उसे राजनीतिक दबाव के चलते फंसाया गया है.
गौरतलब है कि नरेंद्र दाभोलकर धार्मिक अंधविश्वासों और जादू-टोने के खिलाफ काम करते थे. उन्होंने 1989 में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की स्थापना की थी. महाराष्ट्र में जो अंधविश्वास विरोधी और जादू-टोना संबंधी अध्यादेश लाया गया, उसका ओरिजिनल ड्राफ्ट दाभोलकर ने ही तैयार किया था. अध्यादेश लागू होने से पहले ही 20 अगस्त 2013 को पुणे में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
नागौरी ने अदालत में एटीएस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. नागौरी ने कहा कि दाभोलकर की हत्या के दिन वह मुंबई में था.