पोस्टर विवाद को लेकर पूर्व बीजेपी महासचिव संजय जोशी ने चुप्पी तोड़ी है. आज तक से बातचीत में उन्होंने नरेंद्र मोदी को नेता बताया और कहा कि वह बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में नरेंद्र मोदी के विरोधी माने जाने वाले संजय जोशी की बीजेपी में सक्रिय वापसी का बात उठने लगी है.
कुछ दिन पहले बीजेपी मुख्यालय और पार्टी के बड़े नेताओं के घर के बाहर संजय जोशी की घर वापसी से संबंधित पोस्टर लगाए गए. इन होर्डिंग्स और पोस्टर में संजय जोशी की घर वापसी की बात कही गई थी और 'मन की बात' के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना भी साधा गया था.
ऐसा ही एक पोस्टर बुधवार सुबह नागपुर के सीता बर्दी इलाके में भी नजर आया . आपको बता दें कि नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय भी है. इस होर्डिंग पर लिखा है, 'होती है सबसे मन की बात, फिर क्यों नहीं करते संजय जोशी से बात. हमारी सुनो मन की बात. संजय जोशी की घर वापसी हो अबकी बार.'
मोदी और संजय जोशी का कड़वा रिश्ता
नरेंद्र मोदी और संजय जोशी के कड़वे रिश्ते की सच्चाई किसी से नहीं छिपी. कभी बीजेपी में भविष्य का नेता बताए जाने वाले संजय जोशी को विवाद के कारण पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा. खबरें आईं कि मोदी को जोशी पसंद नहीं थे. जब नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष बने तो संजय जोशी की एक बार फिर पार्टी में वापसी हुई. उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया. पर यह मोदी को नागवार गुजरा. 2012 में मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. मोदी ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी तो जाहिर नहीं की पर बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. मोदी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संजय जोशी की मौजूदगी से नाराज थे. आखिर में पार्टी को मोदी के आगे झुकना पड़ा. दबाव में संजय जोशी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दिया तो मोदी मुंबई भी पहुंचे.