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एंटीलिया केस और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के आरोपी नरेश गौर को मिली जमानत

नरेश गौर के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि सचिन वाजे ने कभी भी गौर से संपर्क नहीं किया, न ही उनके कोई फोन कॉल हुईं. उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एनआईए की एक विशेष कोर्ट ने जमानत दी
  • गौर को पूरे मामले में झूठा फंसाया गया- वकील
  • सचिन वाजे को सिम कार्ड देने का था आरोप

एंटीलिया केस और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के आरोपी क्रिकेट बुकी नरेश रमणीकलाल गौर को एनआईए की एक विशेष कोर्ट ने जमानत दे दी है. गौर पर एंटीलिया केस के मुख्य आरोपी और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े और सह-आरोपी पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को सिम कार्ड देने और साजिश में शामिल होने का आरोप है. 

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नरेश गौर के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि सचिन वाजे ने कभी भी गौर से संपर्क नहीं किया, न ही उनके कोई फोन कॉल हुईं. उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है. निकम ने कहा कि सिम कार्ड मुहैया कराना साजिश का हिस्सा नहीं हो सकता. गौर को गवाह के रूप में पेश किया जाना चाहिए था. 

वकील ने कहा कि एनआईए के पास यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था कि गौर साजिश का हिस्सा है, लिहाजा उसे फंसाया गया. जबकि गौर को इस बात की भनक तक नहीं थी कि सिम कार्ड का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाना है. साथ ही उसे एसयूवी या मनसुख हिरेन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी.

वहीं एनआईए ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मनसुख हिरेन की हत्या करने के लिए सचिन वाजे ने साजिश रची थी और गौर को इस साजिश की जानकारी थी. एनआईए ने यह भी तर्क दिया कि पंचनामा में एक सूची शामिल है, जिसे गौर ने कथित रूप से अपने हाथ से लिखा है. 

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बता दें कि गौर को मार्च में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. उसकी पहली जमानत अर्जी अगस्त में खारिज की गई थी. जबकि सितंबर 2021 में एनआईए ने मामले में चार्जशीट दाखिल की, जिसके बाद गौर ने दोबारा जमानत अर्जी दाखिल की. 

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