महाराष्ट्र के पुणे जिले के मालिण गांव में आई आपदा से मरने वालों की तादाद बहुत कम या नहीं के बराबर हो सकती थी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भूस्खलन से एक दिन पहले अलर्ट जारी कर दिया था लेकिन हमारे अधिकारियों ने इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया. नासा ने अपनी वेबसाइट पर 29 जून की शाम करीब 6 बजे अलर्ट जारी किया था कि मालिण सहित समूचे भीमशंकर रीजन में भूस्खलन हो सकता है.
इस आपदा में मरने वालों की तादाद बढ़कर 82 तक पहुंच गई है. एनडीआरएफ के जवान उन शवों को निकालने में जुटे हुए हैं जो पिछले चार दिन से मलबे में दबे हुए हैं. कंट्रोल रूम के मुताबिक, अब तक मिली लाशों में 30 पुरुष, 41 महिला और 10 बच्चे शामिल हैं. एक शव की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश के कारण जेसीबी, कटर और डंपर जैसी मशीनें बड़ी धीमी गति से चल रही हैं. इसके अलावा, तेजी से क्षत-विक्षत हो रहे शवों की बदबू की वजह से भी एनडीआरएफ जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बीते 30 जुलाई को हुए इस हादसे में गांव के 44 मकान दब गए. शुरू में अनुमान लगाया गया कि इस हादसे में करीब 160 लोग मारे गए हैं. अब तक 82 शव बरामद किए जा चुके हैं.
रूद्र नाम के तीन महीने के एक बच्चे सहित 8 लोगों को जीवित बाहर निकाला गया है. चमत्कारिक रूप से रूद्र के साथ-साथ उसकी मां की जान भी बच गई. महाराष्ट्र सरकार ने पीड़ितों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है. सीएम ने भरोसा दिया है कि उन परिवारों का पूरी तरह पुनर्वास किया जाएगा.
राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री पतंगराव कदम ने पहले कहा था कि खराब मौसम के मद्देनजर शवों को बाहर निकालने के काम में और दो दिन का वक्त लग सकता है.