Umesh Kolhe Killing: अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के मामले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर हत्या के 12 दिनों तक जांच धीमी गति से क्यों की गई? पुलिस पर पिछली सरकार के दबाव में काम करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. अमरावती की पुलिस कमिश्नर भी सवालों के घेरे में हैं.
दरअसल, उमेश की हत्या को धार्मिक टिप्पणी के एंगल से नहीं जांचा जा रहा था. यही वजह थी कि 21 जून का मामला महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदलने के बाद उठा. अब तक हत्या में शामिल 7 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
चश्मदीद ने मराठी में बताई थी पूरी घटना
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें मर्डर वाले दिन अमरावती पुलिस कमिश्नर आरती सिंह घटनास्थल पर नजर आ रही हैं. एक चश्मदीद मराठी भाषा में आरती सिंह को पूरी घटना बता रहा है. वह इशारों में यह भी बताता है कि उमेश को किस तरीके से मारा गया था.
12 दिन तक पुलिस ने बताया लूट का मामला
अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा ने भी पुलिस पर हत्याकांड की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. नवनीत ने कहा, '12 दिन तक पुलिस कहती रही कि यह लूट का मामला है. पुलिस ने सरकार के दबाव में कार्रवाई की. सरकार खुद पर कोई दाग नहीं चाहती थी. इसलिए दबाव में पुलिस तथ्य छुपाती रही.
दंगे से भी शहर को नहीं बचा पाईं कमिश्नर: सांसद
नवनीत राणा ने कहा, 'मेरा सवाल है कि क्या पुलिस किसी दबाव में काम कर सकती है? उन्होंने आगे कहा कि कार्रवाई न होने के लिए पुलिस कमिश्नर आरती सिंह भी जिम्मेदार हैं, आरती सिंह के साथ-साथ सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अमरावती की सांसद ने आगे कहा कि वर्तमान पुलिस कमिश्नर शहर को पिछले साल हुए दंगों से भी नहीं बचा सकी थीं. वह केंद्र सरकार से मौजूदा सीपी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करेंगी.
7 आरोपियों तक पहुंची पुलिस की जांच
बता दें कि उमेश की हत्या में पहले यही माना जा रहा कि इसमें एक ही कातिल है. लेकिन जांच 7 आरोपियों तक पहुंच गई है. जांच में अभी तक यही पता चला है कि इस मामले का मास्टर माइंड इरफान शेख है. इसने ही बाकी आरोपियों को हत्या के प्लान में शामिल किया.
भागने के लिए किया था कार देने का वादा
जांच में पता चला है कि इरफान शेख ने हत्या की साजिश बनाई फिर हत्यारों को लॉजिस्टिक सपोर्ट और पैसा मुहैया करवाया. इरफान शेख एक एनजीओ भी चलाता है. और इसी ने हत्यारों को 10-10 हजार रुपए कैश और भागने के लिए कार देने की बात कही थी.
मास्टमाइंड इरफान ने बनाया था प्लान
इरफान ने सबसे पहले अपनी साजिश में मौलाना मुदस्सिर अहमद को साथ लिया. फिर मुदस्सिर को उमेश कोल्हे की रेकी करने का काम मिला. इरफान ने इसके बाद शाहरुख पठान, अब्दुल तौफीक, शोएब खान और आतिब रशीद को चुना. ये सारे के सारे दिहाड़ी मजदूर थे. पूरी प्लानिंग और रेकी के बाद 21 जून की रात आतिब और शाहरुख ने उमेश की हत्या की.
किसी आरोपी का पिछला रिकॉर्ड नहीं
इस वारदात में शामिल आरोपियों में से किसी का भी कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. माना जा रहा है कि इरफान और मुदस्सिर ने ही हत्यारों को धर्म के नाम पर हत्या के लिए भड़काया था. सीसीटीवी फुटेज में भी तीन आरोपी उमेश कोल्हे की रेकी करते हुए दिखाई दिए थे. यही आरोपी हत्या करने के लिए घटनास्थल पर भी नजर आए. मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र ने एनआईए को जांच सौंपी है. वो कुछ खास एंगल पर जांच आगे बढ़ा रही है.