महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों के लिए 20 जून को होना हैं. इन चुनावों में राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख वोटिंग नहीं कर पाएंगे. बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक और अनिल देशमुख को विधान परिषद चुनाव में वोट देने से इनकार कर दिया है. दरअसल दोनों नेताओं ने याचिका दायर कर चुनाव के लिए अस्थायी जमानत की मांग की थी.
कोर्ट के आदेश के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि MVA सरकार के लिए यह झटका नहीं है. बल्कि दोनों नेताओं का संवैधानिक अधिकार नकारा जा रहा है. दोनों ही इस सदन के सदस्य हैं. संजय राउत ने कहा कि विधान परिषद चुनाव में मतदान करना उनका अधिकार है, लेकिन देश में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले के पीछे कोई और खेल खेल रहा है.
वहीं विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार भाई जगताप ने कहा कि नवाब मलिक और अनिल देशमुख का संवैधानिक अधिकार नकारा जा रहा है. उन दोनों पर अभी तक आरोप लगे हैं, लेकिन ये सिद्ध नहीं हो पाए हैं. मामले की जांच चल रही है. ऐसे में उन्हें वोट देने का अधिकार ना मिलना गलत है. हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.
विधान परिषद के विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि कोर्ट के फैसले का स्वागत है. MVA सरकार को यह बहुत बड़ा झटका है. बीजेपी को राहत है. उन्होंने कहा कि हम विधान परिषद चुनाव में पांचों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे.