नवाब मलिक बनाम समीर वानखेड़े वाली लड़ाई अब बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच चुकी है. वानखेड़े के पिता ने मलिक पर मानहानि का केस ठोक रखा है. उस मामले में पहली सुनवाई भी हो गई है और नवाब मलिक ने अपना पक्ष भी रख दिया. अब कोर्ट ने पहली सुनवाई के दौरान नवाब मलिक को एक हलफनामा देने के लिए कहा था.
मलिक का कोर्ट में हलफनामा
उस हलफनामे में इस बात की पुष्टि करनी थी कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों को ठीक तरीके से वेरीफाई किया गया था. अब नवाब मलिक ने वो अहम हलफनामा कोर्ट को दे दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि वानखेड़े के बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर शादी के कागजात तक, हर डॉक्यूमेंट को उनके द्वारा पहले वेरीफाई किया गया.
वे कहते हैं कि मेरे हलफनामे के दो हिस्से हैं. पहला हिस्सा वानखेड़े के बर्थ सर्टिफिकेट और पहली शादी के निकाह नामा से जुड़े हुए हैं. वहीं दूसरे हिस्से में उन ट्वीट को लेकर जानकारी है जो मैंने सोशल मीडिया पर शेयर किए थे. बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर बताया गया है कि इसका रिकॉर्ड ग्रेटर मुंबई के Municipal Corporation के पास है. वहीं पहली शादी के कागज उन्हें वानखेड़े की पहली पत्नी के किसी रिश्तेदार के जरिए मिले हैं.
आरोपों पर कायम मलिक
इस सब के अलावा हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि नवाब मलिक अपने आरोपों पर भी अडिग हैं और सभी डॉक्यू्मेंट को भी बिल्कुल सटीक मानते हैं. ऐसे में उन्होंने वानखेड़े की याचिका को खारिज करने की मांग उठा दी है. अब जानकारी के लिए बता दें कि समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपील की थी कि उनके या फिर उनके परिवार के खिलाफ नवाब मलिक द्वारा कोई विवादित टिप्पणी ना की जाए या फिर उसका प्रकाशन ना हो. अब आज इस मामले में कोर्ट की अहम सुनवाई होनी है जहां पर मलिक के हलफनामे को भी देखा जाएगा और मामले पर को कोई बड़ा फैसला भी आ जाएगा.