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कौन हैं नवाब मलिक, कैसा रहा है सियासी सफर, जानिये...

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं. उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी, लेकिन बाद में वे शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए.

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उद्धव सरकार में एनसीपी के कोटे से मंत्री हैं नवाब मलिक. (फाइल फोटो)
उद्धव सरकार में एनसीपी के कोटे से मंत्री हैं नवाब मलिक. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं नवाब मलिक
  • सपा से शुरू हुआ था राजनीतिक करियर

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री व एनसीपी नेता नवाब मलिक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं. अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज ड्रग्स मामले में गिरफ्तार करने के बाद से वानखेड़े लगातार नवाब मलिक के निशाने पर हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं मंत्री नवाब मलिक जो समीर वानखेड़े के लिए सिरदर्द बने हुए हैं और हर रोज एक नया आरोप लगा रहे हैं? 

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में नवाब मलिक अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. एनसीपी के मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं और पार्टी प्रमुख शरद पवार के करीबी नेताओं में से हैं. उद्धव सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री नवाब मलिक मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. मलिक ने अपना सियासी सफर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के साथ से शुरू किया और बाद में शरद पवार का हाथ थाम एनसीपी में शामिल हो गए. 

महाराष्ट्र में पांच बार के विधायक नवाब मलिक का जन्म 20 जून 1959 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील क्षेत्र के धुसवा गांव में हुआ. नवाब मलिक का पूरा परिवार 1970 में यूपी से मुंबई में शिफ्ट हो गया.  उन्होंने मुंबई के अंजुमन हाईस्कूल से 10वीं और फिर 1978 में बुरहानी कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई की. 1979 में स्नातक की पढ़ाई के लिए इसी कॉलेज में दाखिला. 

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ऐसे आए राजनीति में...

नवाब मलिक ने अपने करियर की शुरुआत व्यापार से की थी, लेकिन इस बीच उनकी दिलचस्पी राजनीति में बढ़ी तो वह सियासत के मैदान में कूद पड़े. नब्बे के दशक में देश में राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ तो और अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के खिलाफ मुखर हुए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की लोकप्रियता अल्पसंख्यक समुदाय में तेजी से बढ़ी.  6 दिसंबर 1992 को आयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने की घटना के वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. बाबरी कांड की वजह से देशभर के अल्पसंख्यक कांग्रेस से बेहद नाराज हुए और विकल्प के तौर पर मुस्लिमों ने समाजवादी पार्टी को चुना. 

मुलायम सिंह की मुस्लिमों के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए नवाब मलिक ने भी अपना सियासी सपा से शुरू किया. नवाब मलिक ने महाराष्ट्र के मुस्लिम बाहुल नेहरू नगर सीट पर 1996 में उपचुनाव में सपा के टिकट पर पहली बार किस्मत आजमाया और जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे. मुलायम के करीबी नेताओं को गिने जाने लगे और 1999 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सपा के टिकट पर नेहरू नगर सीट से फिर किस्मत आजमाया और जीत हासिल की. 

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फिर शरद पवार की एनसीपी में की एंट्री 

2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए सरकार के केंद्र में आने के बाद नवाब मलिक ने सपा का दामन छोड़कर शरद पवार की एनसीपी में एंट्री कर गए. इसके बाद नवाब मलिक ने 2004 के विधानसभा चुनाव में नेहरू नगर सीट पर एनसीपी के टिकट पर उतरे और जीत की हैट्रिक लगाई. 2009 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के बाद नवाब मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने. 

2014 के विधानसभा चुनाव वह अणुशक्तिनगर विधानसभा से फिर से चुनाव लड़े थे, लेकिन मामूली वोटों से शिवसेना के हाथों हार गए. 2019 विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक ने फिर से यहां से चुनाव लड़ा और पांचवी बार विधायक बने. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन होने पर नवाब मलिक को एनसीपी कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाया गया. 2020 में मलिक को एनसीपी मुंबई का अध्यक्ष भी बनाया गया और उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बेहद करीबी माना जाता है. 

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दामाद की गिरफ्तारी के बाद ही हमलावर हैं नवाब मलिक  

नवाब मलिक के परिवार में उनकी पत्नी महजबीन, बेटा मराज, आमिर और बेटियां निलोफर और सना हैं. नवाब मलिक के दामाद का नाम समीर खान है. पिछले साल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर केस के बाद रिया चक्रवर्ती को जब ड्रग्स के मामले में जेल भेजा गया था तब समीर खान का भी नाम आया था. एक ड्रग पेडलर ने समीर खान का नाम लिया था, जिसके बाद एनसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसी के बाद नवाब मलिक एनसीपी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को लेकर खुन्नस खाए बैठे थे. 

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महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक अब समीर वानखेड़े पर हमलावर हैं, तो इसकी वजह भी हैं. समीर वानखेड़े ने 13 जनवरी को नवाब मलिक के दामाद समीर को दो अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. नवाब मलिक के दमाद समीर करीब 8 महीने जेल में रहना पड़ा था और फिर उन्हें जमानत मिली. कोर्ट ने जब जमानत मिलने के बाद नवाब मलिक से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उनके दामाद को झूठे केस में फंसाया गया था और अब समीर वानखेड़े को लेकर एक के बाद एक खुलासा कर रहे हैं.

 

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