महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया अजित पवार ने रविवार को नवी मुंबई के वाशी में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आपका भरोसा कभी नहीं तोड़ूंगा. पवार ने कहा कि एनसीपी सभी धर्मों के लिए काम कर रही है.
पवार ने कहा कि कुछ लोग अल्पसंख्यकों को डराने की राजनीति कर रहे हैं. उन्हें डरना नहीं चाहिए जब तक वह रहेंगे कानून का पालन होगा. पवार ने कहा, 'जब सतारा में दो समुदायों के बीच घटना हुई और एक मुस्लिम युवक की मौत हो गई, तो मैं व्यक्तिगत रूप से पीड़ित के घर गया और उसके परिवार से मिला. जब तक मैं यहां हूं, आपको डरने की जरूरत नहीं है. हम सभी कानून का पालन करते हैं. मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में कानून का शासन कायम रहेगा और किसी को भी अन्याय का सामना नहीं करना पड़ेगा. हर कोई जानता है कि मैं अपनी बात का पक्का आदमी हूं.'
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मीरा रोड की घटना का किया जिक्र
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले जनवरी 2024 में मीरा रोड में हुई झड़प की घटना का जिक्र करते हुए पवार ने कहा, 'मीरा रोड में भी एक घटना हुई थी. मैंने तुरंत हस्तक्षेप किया और पुलिस आयुक्त से प्रतिनिधिमंडल से मिलने और हालात को सामान्य करने का आश्वासन देने को कहा. मैंने हमेशा कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम किया है… हमें हर समुदाय, हर धर्म के त्योहारों को खुशी और गर्मजोशी के साथ मनाना चाहिए.'
पवार ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का भी संकेत दिया. उन्होंने अपने उन कार्यकर्ताओं को भी भरोसा दिलाया जो एनसीपी और बीजेपी गठबंधन से सशंकित हैं. उन्होंने कहा, 'जब कांग्रेस और राकांपा एक साथ थे, तो वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ और स्थानीय निकाय चुनाव अलग-अलग लड़ते थे. स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान राकांपा अलग तरह से सोच सकती है. इसलिए, कार्यकर्ताओं को चिंता नहीं करनी चाहिए.'
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राजनीतिक आरक्षण एक 'गलती'
अल्पसंख्यक बैठक में नौ प्रस्ताव पारित किये गये. इनमें से एक संकल्प जाति सर्वेक्षण के बाद मुसलमानों को राजनीतिक, नौकरी और शैक्षिक आरक्षण देना था. बाद में एनसीपी अल्पसंख्यक सेल के नजीब मुल्ला ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि राजनीतिक आरक्षण शब्द एक गलती थी और यह प्रस्ताव केवल नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के बारे में था.