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महाराष्ट्र: लैंड डील में पूछताछ के लिए बेटी के साथ ED दफ्तर पहुंचे एकनाथ खडसे

बीजेपी नेता एकनाथ खडसे ने पिछले साल अक्टूबर महीने में ही एनसीपी ज्वाइन की थी. एनसीपी से जुड़ने के बाद एकनाथ खडसे बीजेपी पर जमकर बरसे थे.

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ED के सामने पेश हुए एकनाथ खडसे (फाइल फोटो)
ED के सामने पेश हुए एकनाथ खडसे (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ED दफ्तर पहुंची एकनाथ खडसे
  • लैंड डील में पूछताछ के लिए बुलाया

महाराष्ट्र की राजनीति का एक बड़ा चेहरा एकनाथ खडसे शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए. उनके साथ उनकी बेटी शारदा चौधरी खडसे अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हुए  थे.

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यहां उनसे पुणे शहर के करीब भोसरी इलाके में एक भूमि सौदे के सिलसिले में पूछताछ की जानी थी. ईडी का दावा है कि एकनाथ खडसे ने अपने पद का दुरुपयोग किया. उन्होंने 2 लाख रुपये में जमीन ली और उसे 7 करोड़ रुपये में बेची. ईडी के मुताबिक, बाद में ये पैसा उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी फर्मों को ट्रांसफर किया गया.

आजतक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने पुणे के करीब भोसरी में जमीन खरीदी थी, जिसे बाद में कहा गया कि यह एमआईडीसी की जमीन थी, लेकिन यह विवादित भूमि है. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने यह जमीन खरीदी थी और इस खरीद में मेरा कोई सीधा संबंध नहीं है. 

बीजेपी नेता एकनाथ खडसे ने पिछले साल अक्टूबर महीने में ही एनसीपी ज्वाइन की थी. एनसीपी से जुड़ने के बाद एकनाथ खडसे बीजेपी पर जमकर बरसे थे. तब खडसे ने कहा था कि मुझे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की धमकी दी गई. 

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उन्होंने कहा, 'मुझे बीजेपी में कठिनाइयों से गुजरना पड़ा. मैं कभी पीछे नहीं हटता. मुझ पर आरोप लगाने के लिए कुछ महिलाओं को साथ लिया गया.' 

देखें: आज तक लाइव टीवी  

एकनाथ खडसे ने आरोप लगाते हुए कहा, 'मुझे बताया गया कि अगर मैं पार्टी बदलता हूं तो वे ईडी को मेरे पीछे लगा देंगे. मैंने कहा अगर आप ईडी को मेरे पीछे लगाते हैं, तो मैं आपकी सीडी चलाऊंगा. बीजेपी से नाराज एकनाथ खडसे ने आगे कहा कि 40 साल तक पार्टी की सेवा करने के बावजूद मुझे जो मिला वह एसीबी की पूछताछ और छेड़छाड़ का मामला रहा.'

क्या है मामला?

बता दें कि एकनाथ खडसे 2014 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में राजस्व मंत्री थे. उन पर जब भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगे तो जून 2016 में उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिस तीन एकड़ जमीन से जुड़ा ये मामला है वो अप्रैल 2016 में ही खरीदी गई थी. अप्रैल 2017 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर एकनाथ खडसे के खिलाफ केस दर्ज किया. 

उनकी पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी के खिलाफ भी केस किया गया. कंस्ट्रक्शन फील्ड से जुड़े हेमंत गवांडे नाम के एक शख्स की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया था, जिसमें हेमंत ने दावा किया था कि खडसे ने पुणे के भोसारी स्थित MIDC की जमीन में फ्रॉड किया.

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