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एनसीपी विश्वास मत पर करेगी बीजेपी का समर्थन!

महाराष्ट्र में नव गठित बीजेपी सरकार द्वारा विधानसभा के एक विशेष सत्र में बहुमत साबित करने के अगले राजनीतिक कदम को बड़ी ही उत्सुकता से देखा जा रहा है क्योंकि इसके पूर्व सहयोगी दल शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से समर्थन लेने के खिलाफ रविवार को बीजेपी को चेतावनी दे डाली.

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देवेंद्र फड़नवीस
देवेंद्र फड़नवीस

महाराष्ट्र में नव गठित बीजेपी सरकार द्वारा विधानसभा के एक विशेष सत्र में बहुमत साबित करने के अगले राजनीतिक कदम को बड़ी ही उत्सुकता से देखा जा रहा है क्योंकि इसके पूर्व सहयोगी दल शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से समर्थन लेने के खिलाफ रविवार को बीजेपी को चेतावनी दे डाली.

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हालांकि, 121 विधायकों के साथ राज्य विधानसभा चुनावों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी बीजेपी शरद पवार नीत पार्टी द्वारा बाहर से समर्थन किए जाने की पेशकश पर आस लगाए नजर आ रही है. एनसीपी ने संकेत दिया है कि वह मतदान से गैर हाजिर रहने की बजाय सदन में अल्पमत सरकार के पक्ष में वोट कर सकती है.

41 विधायकों वाली एनसीपी ने नई सरकार को बाहर से समर्थन करने का भरोसा दिलाया है. शिवसेना के 63 विधायक हैं और यह 288 सदस्य वाले सदन में बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी 12 नवंबर को सदन में 145 विधायकों का जादुई आंकड़ा छूने के लिए जरूरी संख्या बल कैसे जुटाती है. वहीं, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह सदन में विपक्षी नेता के पद के लिए दावा पेश करेगी. कांग्रेस के 42 विधायक हैं. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख माणिकराव ठाकरे ने रविवार को बताया, ‘जैसे ही पार्टी आलाकमान विधानसभा में हमारी पार्टी के नेता को नामित करेगी.'

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एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू होगा जिसमें राज्य के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव सोमवार सुबह दस बजे राजभवन में जीव पांडू गावित को विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष पद की शपथ दिलाएंगे. 12 नवम्बर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा जिसके बाद फडणवीस विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे. राज्यपाल के संबोधन के साथ सत्र स्थगित हो जाएगा.

शिवसेना द्वारा मंत्री पद की मांगों के बीच फड़नवीस ने पहले कहा था कि राज्य विधानसभा में विश्वास मत से पहले किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई जाएगी. विश्वास मत के बाद ही कैबिनेट का विस्तार होगा. मंत्री पद मांगने की शिवसेना की मांग की खबरों के बीच फड़नवीस ने शुरू में कहा था कि विश्वासमत से पहले कोई मंत्री शपथ नहीं लेगा और कैबिनेट का विस्तार विश्वास मत के बाद ही होगा.

शिवसेना पार्टी के लिए वांछित मंत्री पदों को हासिल करने को लेकर बीजेपी पर कथित तौर पर बार बार दबाव डाल रही है लेकिन बीजेपी झुकी नहीं और कथित तौर पर शिवसेना से पहले विश्वास मत के दौरान समर्थन देने को कहा है.

भाषा से इनपुट

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