शरद पवार के करीबी माने जाने वाले एनसीपी नेता और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल अब ईडी के रडार पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के मामले में पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस जारी किया है. इससे पहले IL&FS से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में कोहिनूर कंस्ट्रक्शन को दिए गए कर्ज के मामले में ईडी ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से पूछताछ की थी.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पाटिल को 12 मई को जांच एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है. प्रवर्तन निदेशालय को इस बात का अंदेशा है कि आईएल एंड एफएस मामले में जिसे एक व्यक्ति को कई ठेके दिए गए थे, क्या उसने कई लोगों को कमीशन तो नहीं दिया था. इसी मामले में जयंत पाटिल को नोटिस भेजा गया है. IL&FS समूह के ऋण और कोहिनूर सीटीएनएल में इक्विटी निवेश में कथित अनियमितताएं हुई जो डिफॉल्टरों में से एक है.
ईडी ने ईओडब्ल्यू, दिल्ली द्वारा दायर प्राथमिकी और एसएफआईओ, मुंबई द्वारा आईएलएफएस ग्रुप ऑफ कंपनीज तथा उनके प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत के आधार पर मामले में जांच शुरू की थी. बुधवार को ईडी के अधिकारियों ने डेलॉयट और केपीएमजी सहित कुछ चार कंपनियों के विभिन्न परिसरों की तलाशी ली. इसी मामले में ईडी ने अगस्त 2019 में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को तलब कर बयान दर्ज किए थे.
ईडी द्वारा जांच के दौरान, यह पता चला था कि वित्त वर्ष 2008-09 से 2017-18 की अवधि में ILFS समूह की समूह कंपनी IL&FS Financial Services Ltd (IFIN) का वैधानिक ऑडिट, मैसर्स डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी द्वारा किया गया था जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की अवधि के लिए यह ऑडिट बीएसआर एंड एसोसिएट्स द्वारा किया गया.
उदयन सेन (सीए) और कल्पेश मेहता (सीए) डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी के एंगेजमेंट पार्टनर थे, वहीं एन गणेश संपत बीएसआर एंड एसोसिएट्स के इंगेजमेंट पार्टनर थे. मैसर्स डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी और मैसर्स बीएसआर एंड एसोसिएट्स एलएलपी को आईएफआईएन द्वारा नियुक्त किया गया जिसका कार्य लेखांकन नियमों के अनुरूप, आईएफआईएन का वैधानिक ऑडिट करना और कंपनी के हिसाब-किताब में त्रुटियों, चूक और अनियमितताओं की पहचान करना और कंपनी के वित्तीय विवरणों को सुनिश्चित करना था.
ईडी को संदेह है कि मैसर्स आईएफआईएन (मैसर्स डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी और मेसर्स बीएसआर एंड एसोसिएट्स एलएलपी) के ऑडिटर्स को आईएफआईएन द्वारा डिफॉल्टिंग उधारकर्ताओं को उनके समूह की कंपनियों के माध्यम से प्रदान किए गए पैसे की जानकारी थी. ऑडिटर्स को IFIN के NPA, IFIN द्वारा ऋण हानि निवेशों को बट्टे खाते में डालने और IFIN के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के मंडली द्वारा IFIN में अपनाई जा रही अन्य संदिग्ध एवं अवैध प्रथाओं की जानकारी थी.
ऑडिटर्स ने जानबूझकर कंपनी के मामलों की सही स्थिति की रिपोर्ट नहीं की जिसकी वजह से कंपनी के उन लेनदारों को नुकसान हुआ जिन्होंने कंपनी के एनसीडी में उधार और निवेश किया था. इसके अलावा, एसएफआईओ ने अपनी शिकायत में उदयन सेन, कल्पेश मेहता, एन संपत गणेश, डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी और मैसर्स बीएसआर एंड एसोसिएट्स एलएलपी को भी आरोपी बनाया है.