महाराष्ट्र की नई नवेली बीजेपी सरकार ने 'भव्य' शपथ ग्रहण पर 98.33 लाख रुपये खर्च कर डाले. वह भी ऐसे समय में, जब प्रदेश सूखाग्रस्त स्थिति और खाली खजाने जैसे संकटों से जूझ रहा है. एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी मिली है. याद रहे कि नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी टेंट, मंच, फर्नीचर और अन्य सामग्रियों पर सिर्फ 17.60 लाख रुपये का खर्च आया था.
जानकारी देने से बच रही BJP
गौरतलब है कि फड़नवीस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुई था. इसमें हुए खर्च के बारे में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना के अधिकार के तहत 31 अक्टूबर 2014 को सरकार से जानकारी मांगी थी. अनिल गलगली ने मुंबई बीजेपी से भी सूचना के अधिकार के तहत खर्च की रकम पूछी थी लेकिन पार्टी ने यह नहीं बताया कि इस समारोह में उसने अपने खजाने से कितना खर्च किया.
सरकार ने अब तक नहीं दी कोई रकम
महाराष्ट्र सरकार के अवर सचिव एसजी मोघे ने आरटीआई के जवाब में बताया कि शपथग्रहण पर सरकार की ओर से कुल 98 लाख 33 हजार 830 रुपए खर्च हुए है जिसमें एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (इस्टैबलिशमेंट्स), सिटी एंड एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (इलेक्ट्रिक) विभाग ने क्रमश: 67 लाख 660 रुपये औऱ 30 लाख 60 हजार 670 रुपये का बिल मंजूरी के लिए पेश किया है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर (दक्षिण) मुंबई की ओर से प्रवेश द्वार पर सुरक्षा की जांच के लिए लगाए गए DFMD/MHMD उपकरण के किराए के तौर पर 72,500 रुपये का बिल मंजूरी के लिए प्राप्त हुआ है. सरकार ने अब तक कोई रकम अदा नहीं की है.
शरद पवार ने दिलवाया मैदान?
सरकार ने तो जानकारी दे दी, लेकिन मुंबई बीजेपी ने इसकी जानकारी देना तो दूर, जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा. इस शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन में शरद पवार की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) में अपने दखल का इस्तेमाल करके शरद पवार ने शपथ ग्रहण के लिए वानखेड़े स्टेडियम दिलवा दिया. साथ ही प्रदेश सरकार को अपने नियुक्त किए हुए केटरिंग सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं लेने की सिफारिश की. सरकार ने मैदान के लिए न ही कोई किराया दिया और न ही कोई पैसा जमा किया. बाद में शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने फड़नवीस सरकार का विश्वास मत साबित करने में मदद की.
अनिल गलगली ने आरटीआई के तहत यह भी पूछा था कि वानखेड़े स्टेडियम को ही शपथ ग्रहण समारोह के लिए क्यों चुना गया. साथ ही उन्होंने इस संबंध में मौजूदा नियमों की जानकारी भी मांगी थी. जवाब में सरकार ने उन्हें राज्यपाल के आदेश की कॉपी दी गई और बताया कि शपथग्रहण को लेकर किसी भी तरह की शर्ते और नियम नहीं हैं. 28 अक्टूबर 2014 को राज्यपाल ने वानखेडे स्टेडियम में शपथग्रहण कार्यक्रम करने का आदेश मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय को दिया था.