महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट कर महाराष्ट्र की एक आईएएस अफसर विवादों में आ गई हैं. महाराष्ट्र की निधि चौधरी नाम की एक आईएएस ने 17 मई को एक विवादित टिप्पणी की, जिसमें लिखा था कि हम गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं, इससे बढ़िया मौका क्या हो सकता है कि हम अपने नोटों से उनकी तस्वीर हटा दें. दुनिया भर से उनकी मूर्तियां हटा दें. इस ट्वीट के लिए निधि चौधरी की खूब आलोचना हुई. इसके बाद उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है, लेकिन एनसीपी ने उन्हें नौकरी से सस्पेंड करने की मांग की है.
पहले किया ये ट्वीट
निधि चौधरी 2012 बैच की आईएएस हैं. इस वक्त वह BMC में कार्यरत हैं. इससे पहले वह सहायक कलेक्टर रह चुकी हैं. 17 मई को एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था, "हम शानदार रूप से 150वीं जयंती मना रहे हैं, यही मौका है कि हम अपने नोटों से उनकी तस्वीर हटा दें, दुनिया भर से उनकी मूर्तियां हटा दें, उनके नाम से रखी गई संस्थाएं और सड़कों के नाम बदल दें, ये हम सभी की ओर से उन्हें असली श्रद्धांजलि होगी, 30 जनवरी 1948 के लिए थैंक्यू गोडसे."
निधि चौधरी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट
NCP ने की एक्शन की मांग
निधि चौधरी के इस ट्वीट पर एनसीपी ने कड़ी आपत्ति जताई है और उन्हें नौकरी से सस्पेंड करने की मांग की है. एनसीपी नेता जितेंद्र अनहद ने कहा कि गांधी जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए हम तुरंत निधि चौधरी के सस्पेंशन की मांग करते हैं, उन्होंने नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है."
विवाद के बाद डिलीट किया ट्वीट
I have deleted my tweet of 17.05.2019 w.r.t. GandhiJi because some people misunderstood it
If only they had followed my timeline since 2011 they would've understood that I would NEVER even dream of insulting GandhiJi
I bow before him with deepest regard & will do till last breath pic.twitter.com/CSjaKHF9BJ
— Nidhi Choudhari🕉☪️✝️☸️ (@nidhichoudhari) May 31, 2019
इस ट्वीट पर विवाद होने के बाद निधि चौधरी ने इसे डिलीट कर दिया. निधि ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, "17 मई के अपने ट्वीट को मैंने डिलीट कर दिया, क्योंकि कुछ लोग इसे गलत समझ गए. अगर वो 2011 से मेरे टाइमलाइन को फॉलो किए हुए होते तो वे समझते कि मैं गांधी जी का अनादर करने की सोच भी नहीं सकती हूं, मैं उनके सामने पूरी श्रद्धा से सिर नवाती हूं और अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी."