सोमालिया तट से 23 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्यों के साथ एक ईरानी बोट को किडनैप करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 9 समुद्री लुटेरों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. इन लुटेरों को हाल ही में इंडियन नेवी द्वारा पकड़कर भारत लाया गया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इंडियन नेवी ने 29 मार्च को समुद्री डकैती रोधी अभियान (Anti Piracy Campaign) के तहत 12 घंटे से अधिक की कार्रवाई के बाद अपहृत ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज 'अल-कंबर 786' और उसके चालक दल को बचा लिया था. इस ऑपरेशन में INS सुमेधा और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल शामिल थे.
एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय नौसेना टीम के सफल ऑपरेशन के बाद समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया और चालक दल के सदस्यों को बचा लिया गया. फिर समुद्री लुटेरों को नौसेना ने हिरासत में ले लिया और 6 दिनों की यात्रा के बाद समुद्री लुटेरों को मुंबई लाया गया.
मछली पकड़ने वाले जहाज के चालक दल के सदस्यों से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि सोमालियाई समुद्री लुटेरे एके-47, हैंड ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर ले जा रहे थे. उन्होंने बताया कि समुद्री लुटेरों ने चालक दल के सदस्यों को कोई हरकत करने पर जान से मारने की धमकी दी थी.
उन्होंने बताया कि चालक दल के सदस्यों को बचाने और समुद्री लुटेरों को हिरासत में लेने के बाद भारतीय नौसेना के कमांडो ने जहाज का निरीक्षण किया और एके-47 की 728 जिंदा गोलियां, एक जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) डिवाइस और 8 मोबाइल फोन बरामद किए. अधिकारी के मुताबिक भारतीय नौसेना कमांडो की चेतावनी के बाद समुद्री लुटेरों ने अपने हथियार समुद्र में फेंक दिए थे. उन्होंने बताया कि नेवी ने समुद्री लुटेरों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया, जिन्होंने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, समुद्री डकैती विरोधी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए समुद्री लुटेरों की पहचान गेली जामा फराह (50), अहमद बशीर उमर (42), अब्दिकारिन मोहम्मद शायर (34), अदन हसन वारमासे (44), मोहम्मद अब्दी अहमद (34), अब्दिकादिर मोहम्मद अली (28), आयदीद मोहम्मद के रूप में की गई. पुलिस ने बताया कि जिमाले (30), सईद यासीन अदन (25) और जामा सईद एल्मी (18) शामिल हैं.