तूफान निसर्ग तेजी से मुंबई की ओर बढ़ रहा है. दोपहर में तूफान महाराष्ट्र के अलीबाग से टकराया. उस वक्त हवा की रफ्तार प्रति घंटे 93 किलोमीटर थी. तूफान के आते ही समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं. पेड़ उखड़ने लगे. निसर्ग तूफान से निपटने के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने ओडिशा से टिप्स मांगे हैं.
आजतक से खास बातचीत में बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने कहा कि मुंबई में 129 साल से कोई तूफान नहीं आया, इसलिए हमें इसका इतना अनुभव नहीं है. ओडिशा में आय-दिन तूफान आते रहते हैं और वो तूफान से निपटने में निपुण हैं, इसलिए हमने उनसे सलाह ली. ओडिशा सरकार ने बीएमसी को सलाह भी दी है.
बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने बताया, 'ओडिशा ने हमें सलाह दी कि है कि हर थाने में 20 मजदूरों को रखिए और उन्हें पेड़ काटने से लेकर जरूरी सामान उपलब्ध कराइए. तूफान के कारण अगर बड़े-बड़े होर्डिंग या पेड़ गिरते हैं तो उन्हें तुरंत रास्ते से हटाया जाए. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत नहीं आएगी.'
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वहीं, एनडीआरएफ के कमांडेंट कुमार राघवेंद्र ने कहा कि खतरा अभी टला नहीं है. हम दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं. पहले कोरोना से लड़ रहे थे और अब निसर्ग से लड़ना है. तूफान ने रूट जरूर चेंज किया है, लेकिन हमारे ट्रैक में है. भारतीय मौसम विभाग काफी सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है.
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मुंबई के डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा कि निसर्ग से निपटने के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है. मुंबई के सभी पुलिस स्टेशन के स्टाफ लोगों की सहायता करने के लिए तैयार हैं. सभी पुलिस स्टेशन के संभावित दुर्घटनास्थलों से लोगों को हटाया जा चुका है. हम लोगों को आगाह भी कर रहे हैं कि समुद्र किनारे न जाएं.