मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक नई यात्री जेटी और टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण के लिए मछली पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने भूमिपूजन किया. इस नए जेटी के निर्माण से मौजूदा जेटी पर यात्रियों का दबाव कम होगा और बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को होने वाली असुविधाओं में राहत मिलेगी.
हाल ही में पेश किए गए बजट में 229 करोड़ रुपए का फंड इस परियोजना के लिए स्वीकृत किया गया था. इस परियोजना में टर्मिनल भवन, 350 लोगों की क्षमता वाला एम्फीथियेटर, बर्थिंग जेटी, अप्रोच जेटी, फायर सेफ्टी सिस्टम, सीसीटीवी, बागवानी और सौंदर्यीकरण शामिल है.
कोलाबा के निवासियों ने इस परियोजना से गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास ट्रैफिक बढ़ने को लेकर चिंता जताई थी. इस पर मंत्री नितेश राणे ने आश्वासन दिया कि एक ट्रैफिक सिमुलेशन स्टडी कराई गई है और यह नई जेटी क्षेत्र में यात्री आवाजाही को सुगम बनाएगी.
गेटवे ऑफ इंडिया के पास नई जेटी बनाने का उद्देश्य वहां के मौजूदा जेटी पर बढ़ते दबाव को कम करना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना है.
जेटी क्या होता है?
जेटी एक प्रकार का छोटा बंदरगाह होता है, जो समुद्र, नदी या झील के किनारे बनाया जाता है. इसका मुख्य उपयोग नावों, जहाजों और फेरी सर्विस के यात्रियों को चढ़ाने-उतारने और सामान लोड-अनलोड करने के लिए किया जाता है.
जेटी के मुख्य काम क्या हैं?
यात्रियों के लिए सुविधा: लोग यहां से नावों या फेरी से यात्रा कर सकते हैं.
माल ढुलाई: जेटी पर जहाजों से माल लोड या अनलोड किया जाता है.
मछली पकड़ने का केंद्र: कई जगहों पर मछुआरों के लिए जेटी बनाई जाती है.
टूरिज्म और रिक्रिएशन: कुछ जेटी पर्यटकों के घूमने-फिरने और क्रूज़ ट्रिप के लिए भी बनाए जाते हैं.