मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में दूसरे और आखिरी दिन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी पहुंचे. उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब दिए लेकिन कई सवालों का उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. खासतौर पर प्रधानमंत्री बनने के ऑफर पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया और वह नाराज होते भी नजर आए.
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा आम है कि उन्होंने विपक्ष की तरफ से मिले पीएम बनने की पेशकश को ठुकरा दिया था. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस सवाल पर कि 4 जून को चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्हें पीएम बनने की पेशकश की गई थी, लेकिन, उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था - उन्होंने जवाब में कहा कि यह उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाता.
'मेरा पीएम बनने जैसा कोई एम्बिशन नहीं' - गडकरी
गडकरी ने बताया कि इस तरह के ऑफर देने वालों से उन्होंने पूछा भी कि, "आप मुझे पीएम क्यों बनाना चाहते हो? और मैंने कहा कि मेरे विचारों के अनुरूप यह नहीं है, और मेरा ऐसा कोई एम्बिशन नहीं है." जब उनसे पूछा गया कि क्या पीएम बनने का प्रस्ताव विपक्ष में शरद पवार या सोनिया गांधी की तरफ से आया था? गडकरी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह इस बारे में कुछ भी नहीं बोलेंगे और लोगों को अगर अटकलें लगानी है तो वे इसके लिए आजाद हैं.
मोदी की बढ़ती उम्र और आरएसएस में उनकी साख के संबंध में पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी के बाद उन्हें प्रमोशन मिलेगा? उन्होंने कहा, "मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं. मोदी जी के सवाल आप उनसे पूछिए लेकिन मेरा और पीएम मोदी का रिलेशन बहुत अच्छा है."
नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, "मैं राजनीति में कुछ बनने के लिए नहीं आया हूं. कोई किसी को आगे नहीं बढ़ने देता, लेकिन आज मैं दिल से बात कर रहा हूं कि मुझे कोई समस्या नहीं है." पीएम बनने के एम्बिशन और सवाल पर उन्होंने कहा, "मेरा कोई एम्बिशन नहीं है. अगर मैं डिजर्व करता हूं तो मुझे मिल जाएगा."
उपलब्धियों और चुनौतियों पर क्या बोले गडकरी?
नितिन गडकरी के पास पिछले दस वर्षों से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उनके एक्सपीरियंस के हिसाब से और भी मंत्रालय नहीं मिलनी चाहिए? इस बारे में उन्होंने कहा, "मैंने कभी किसी से कुछ मांगने नहीं गया. मैं 5 फीसदी राजनीति और 95 फीसदी समाजसेवा में विश्वास रखता हूं."