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बन भी गई तो ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी शिवसेना-कांग्रेस सरकार: नितिन गडकरी

सबसे बड़ा दल होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में असमर्थ है. इस सबके बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है.

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नितिन गडकरी का महाराष्ट्र पर बयान
नितिन गडकरी का महाराष्ट्र पर बयान

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  • महाराष्ट्र की हलचल पर नितिन गडकरी का बयान
  • ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी शिवसेना-कांग्रेस सरकार
  • शुक्रवार को ही गठबंधन पर लग सकती है मुहर

महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना एक साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं. सबसे बड़ा दल होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में असमर्थ है. इस सबके बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है. नितिन गडकरी का कहना है कि अगर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बन भी जाती है तो ज्यादा लंबे समय तक चल नहीं पाएगी.

महाराष्ट्र की सियासी हलचल पर नितिन गडकरी ने कहा, ‘कांग्रेस-एनसीपी-कांग्रेस के बीच विचारधारा का अंतर है. अगर ये सरकार बन भी जाती है, तो बहुत आगे तक नहीं बढ़ पाएगी’. उन्होंने कहा कि कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन अवसरवादी है, अगर महाराष्ट्र को अस्थिर सरकार मिलती है तो ये अच्छा नहीं होगा.

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गौरतलब है कि नितिन गडकरी का बयान उस वक्त आया है, जब महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन पर फाइनल मुहर लग सकती है. शुक्रवार शाम को ही तीनों पार्टियों के नेता साथ बैठेंगे और गठबंधन को फाइनल करेंगे.

बीजेपी नहीं बना पाई सरकार

महाराष्ट्र चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसने कुल 105 सीटों पर कब्जा जमाया. चुनाव से पहले बीजेपी-शिवसेना एक साथ थी लेकिन बाद में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हुआ और दोनों के रास्ते अलग हो गए. इससे पहले भी नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र की सियासत पर इतना ही कहा था कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है.

शिवसेना-बीजेपी को बतौर गठबंधन तो बहुमत मिल गया था, लेकिन बीजेपी के पास अकेले दम पर सरकार बनाने वाला आंकड़ा नहीं था. यही कारण रहा कि बीजेपी की ओर से सरकार बनाने का दावा भी पेश नहीं किया गया था.

उद्धव ठाकरे बनेंगे मुख्यमंत्री?

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सरकार बनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं. तीनों पार्टियों के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही है. बताया जा रहा है कि गठबंधन सरकार की कमान उद्धव ठाकरे के हाथ में हो सकती है, जबकि कांग्रेस-एनसीपी के पास डिप्टी सीएम का पद रह सकता हैं. हालांकि अभी इसका आधिकारिक ऐलान होना बाकी है.

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