केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पौधों की बेहतर परवरिश के लिए उन्हें पानी की बजाय पेशाब से सींचने की सलाह दी है. रविवार को गडकरी ने कहा कि वह अपने दिल्ली आवास में लंबे समय से इस थैरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर में केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं हर दिन करीब 50 लीटर पेशाब इक्ट्ठा करता हूं. फिर इनका इस्तेमाल मेरे दिल्ली आवास में लगे पौधों को सींचने के लिए किया जाता है.' गडकरी का कहना है कि यह 'पेशाब चिकित्सा विधि' बहुत कारगर है और साधारण पानी के मुकाबले पौधों को ज्यादा स्वस्थ बनाती हैं.
इस ओर वैज्ञानिक कारण बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि पेशाब में प्रचुर मात्रा में यूरिया और नाइट्रोजन यौगिक होते हैं और ये पौधों के लिए पोषण का काम करते हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्द ही पेशाब सस्ते उर्वरक के तौर पर सामने आ सकता है.