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'महाराष्ट्र में सिर्फ एक ही NCP, फूट के बारे में पार्टी ने नहीं बताया', बोले विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर

NCP के कौन से गुट को असली माना जाए इस मामले पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर का कहना है कि तय करने की प्रक्रिया जारी है. हमारे पास कल (सोमवार) याचिकाएं आई हैं. ऐसे में पहले तो हमारे दफ्तर के सचिव इस पर जांच करेंगे, इसके बाद मामला मेरे पास आएगा, फिर हम इस मामले पर विचार कर फैसला लेंगे. स्पीकर ने कहा कि इस फैसले को लेने में मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहता.

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महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे पास दोनों गुटों से एप्लिकेशन आ चुके हैं और हम इस पर जल्द ही फैसला लेंगे. NCP में दो धड़े हैं ऐसे में असली दल के रूप में किसे मान्यता दी जाएगी और इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, इस सवाल के जवाब में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि प्रक्रिया जारी है. हमारे पास कल (सोमवार) याचिकाएं आई हैं. ऐसे में पहले तो हमारा दफ्तर के सचिव इस पर जांच करेंगे, इसके बाद मामला हमारे पास आएगा, फिर हम इस मामले पर विचार कर फैसला लेंगे.

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स्पीकर ने कहा कि इस फैसले को लेने में मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहता. उन्होंने यह भी कहा कि मैं निर्णय लेने में देरी भी नहीं करना चाहता लेकिन जल्दबाजी करके किसी दल के साथ अन्याय न हो ऐसी हमारी कोशिश है.

'एक ही NCP है'

स्पीकर ने कहा कि किसी भी गुट ने मुझे ऐसा निवेदन नहीं दिया है कि पार्टी में फूट पड़ी है. ऐसे में मैं अभी तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक गुट के नजरिए से देख रहा हूं. ऐसे में हमें तय यह करना है कि NCP की ओर से नेता प्रतिपक्ष कौन होगा या व्हिप कौन होगा. 

'अयोग्यता की याचिका मेरे पास तक नहीं आई'

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास कई याचिकाएं आई हुई हैं. उन्होंने साफ कहा कि अभी तक मेरे पास अयोग्यता को लेकर याचिका नहीं आई है क्योंकि उसका प्रोसेस लंबा है कि पहले वो विधानमंडल सचिवालय में जाती है और फिर वहां से यह याचिका मुझ तक पहुंचती है. स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि मेरे पास रात एक बजे याचिका आई और वो भी कई याचिकाएं मेरे पास आई हैं. इन्हें पढ़ने में टाइम लगेगा.  इनमें से एक अयोग्यता को लेकर भी है. हमारा विभाग अभी उन सब को पढ़ेगा. इसके बाद फैसला लिया जाएगा. 

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स्पीकर ने कहा कि एक याचिका जितेंद्र आव्हाण को नेता विपक्ष बनाने से संबंधित आई है, जिसपर कि हमें कुछ नियमों के हिसाब से फैसला लेना होगा. उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष बनाने से पहले हम जांचेंगे कि सबसे बड़ी पार्टी कौन सी है.

सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कौन सी?

विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के सवाल पर राहुल नार्वेकर ने कहा कि इस समय महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के रूप में तीन से ज्यादा दल हैं. सबसे बड़े दल के रूप में किसी एक पार्टी को पहचान देने के लिए हमें सभी दलों की संख्या का विचार करना पड़ेगा. सभी प्रावधानों का पालन करना पड़ेगा. इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद हम सही दल को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की पहचान देंगे. ऐसे में जो फैसला लिया जाएगा वो सभी नियमों और प्रावधानों का पालन करके ही लिया जाएगा. 

'एक ही NCP को सत्ता और विपक्ष दोनों में कैसे गिन लें...'

स्पीकर ने कहा कि अभी तक मेरे सामने एक ही NCP है, ऐसे में मेरे सामने चुनौती ये है कि या तो इस पार्टी से नेता विपक्ष बनाया जा सकता है या फिर उन्हें सत्ता पक्ष में गिना जाना है. यह मेरे लिए एक चुनौती है. 

शिवसेना के व्हिप पर भी स्पीकर को लेना है फैसला

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बताते चलें कि इसके अलावा महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को एक और अहम फैसला अगस्त महीने में लेना है. यह फैसला शिवसेना के व्हिप से जुड़ा हुआ होगा. कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी. ऐसे में व्हिप को लेकर अब गेंद स्पीकर के पाले में है. उन्हें अगस्त महीने में इसे लेकर फैसला देना है. स्पीकर ने कहा कि हम इस मामले का भी जल्द निपटारा करेंगे.

शिंदे गुट के नेताओं को अयोग्य करार देने की अपील

गौरतलब है कि उद्धव गुट के नेता अनिल देसाई ने इस मामले को लेकर बयान दिया है कि हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, क्योंकि स्पीकर अयोग्यता पर फैसला नहीं कर रहे हैं. उन्होंने माना कि स्पीकर इस मामले को लेकर समय ले सकते हैं. लेकिन उन्हें इस मामले का फैसला उचित समय में लेना चाहिए.

उद्धव गुट ने खटखटाया है SC का दरवाजा

बता दें कि एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर महाराष्ट्र स्पीकर के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. SC में दाखिल की गई इस याचिका में अयोग्यता पर फैसला लेने में महाराष्ट्र स्पीकर द्वारा 'जानबूझकर देरी' करने का आरोप लगाया गया है. उद्धव गुट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि स्पीकर संवैधानिक कर्तव्यों की घोर अवहेलना कर रहे हैं. 

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'एकनाथ शिंदे का CM बनना गैरकानूनी'

सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना (यूबीटी) का आरोप है कि एकनाथ शिंदे का सीएम पद पर बने रहना गैरकानूनी है. यूबीटी का कहना है, 'विधायकों द्वारा किए गए बेशर्म असंवैधानिक कृत्य है और उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.' यूबीटी का कहना है, 'स्पीकर की निष्क्रियता गंभीर असंवैधानिक काम है.'

यूबीटी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष निष्पक्ष तरीके से अपने कामों का करने में असमर्थ हैं. इस मामले पर ध्यान देते हुए अदालत को निर्देश देना चाहिए कि अध्यक्ष 2 सप्ताह के भीतर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लें.

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