आगामी सोमवार से महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट अधिवेशन शुरू हो रहा है. लेकिन इससे पहले ही सहयोगी शिवसेना ने बीजेपी को करारा झटका दिया है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की. बैठक रंगशारदा सभागृह में हुई और इसमें उद्धव ने विधायकों को निर्देश दिया कि बीजेपी से अलग राज्य में शिवसेना की अपनी सरकार बनाने के लिए काम में जुट जाएं.
शिव सेना चीफ ने विधायकों और खासकर राज्य सरकार में शिवसेना के कोटे के मंत्रियों से कहा कि भले ही अधिकार हो या ना हो, जनता के हित के काम हर हाल में होने चाहिए. बैठक में कही गई उद्धव की बात को मंत्रियों के बीच चल रहे अधिकार युद्ध से भी जोड़कर देखा जा रहा है. माना तो ये भी जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने अपने मंत्रियों को अधिकार की परवाह किए बिना फैसले लेने के लिए कहा है. उन्होंने विधायकों से कहा कि अकाल व बेमौसम बारिश के कारण मुसीबत में घिरे किसानों की मदद करें.
उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से कहा कि जनता से जो भी वादे किए गए हैं, वे हर हाल में पूरे होने चाहिए. उन्होंने कहा, जनता से किए गए आश्वासन पूरे करने के लिए लड़ना ही होगा. उन्होंने पार्टी विधायकों से कहा कि अगर जनता के हित में काम नहीं करा सकते तो उन्हें अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए. यही नहीं उन्होंने बजट अधिवेशन में अपने विधायकों को पूरे समय सदन में उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए.
इसके अलावा केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के बारे में भी उद्धव ठाकरे ने बुधवार को पार्टी का रुख साफ कर दिया. उन्होंने कहा, भले ही शिवसेना, मोदी सरकार में शामिल हो, लेकिन हम न तो सरकार का अंधा समर्थन करेंगे और ना ही बेवजह विरोध. उद्धव ने कहा कि शिवसेना सरकार के अच्छे कामों का समर्थन करेगी और जहां विरोध की जरूरत होगी वहां विरोध भी किया जाएगा.