बीट्स पिलानी में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के रिसर्च स्कालर के साथ दुर्व्यवहार के बाद संस्थान छोड़ने की खबरों के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर पूरे मामले पर सफाई दी गई है. सोशल मीडिया में ये खबर आई थी कि बिट्स पिलानी के रिसर्च स्कालर हाशिम सोफी जब होस्टल में अपने कमरे से बाहर थे तो दरवाजे पर और बाहर सूख रहे उनके दो टी-शर्ट पर किसी ने आपत्तिजनक बातें लिख दी थी जिसके बाद वो संस्थान छोड़कर अपने घर कश्मीर के बांदीपुरा लौट गए हैं.
हालांकि हाशिम सोफी की तरफ से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है लेकिन बीट्स पिलानी की तरफ से लायब्रेरियन और मीडिया रिलेशन की यूनिट चीफ गिरिधर कुनकूर ने कहा है कि 20 अप्रैल को हाशिम सोफी ने अपने वार्डन को शिकायत की थी कि उसके होस्टल के दरवाजे के बाहर सूख रहे टी-शर्ट पर आपत्तिजनक बातें लिखी गईं हैं. उससे बाद सोफी 21 अप्रैल को चीफ डीन और होस्टल सुपरिटेंडेंट और सिक्यूरिटी ऑफिसर से भी मिले थे.
घटना का पता लगाने के लिए जांच कमेटी बनाई गई है. इसके साथ ही सोफी को वहां से रेसेडेंशियल क्वार्टर में शिफ्ट कर दिया गया था. साथ ही उनके सेक्यूरिटी के लिए भी पूरी तरह से आश्वस्त किया गया था. मगर 23 अप्रैल को जब ये पूरा वाक्या सोशल मीडिया में आया तो वो हाशिम को ढ़ूढने गए मगर वो अपने कमरे में नहीं मिले और बिना बताएं यहां से चले गए थे. संस्थान की तरफ से उनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है मगर उनका फोन भी बंद आ रहा है.
पिट्स पिलानी के अनुसार हाशिम सोफी फार्मेसी डिपार्टमेंय में रिसर्च प्रोजेक्ट स्टाफ हैं जिनका रजिस्ट्रेशन अभी नहीं हुआ था. उन्हें 10 अप्रैल को ही अस्थायी तौर पर मालवीय भवन में हास्टल मिला था. बिट्स पिलानी ने कहा है कि संस्थान में कश्मीर के बहुत सारे बच्चे पढ़ रहे हैं और कभी ऐसा भेदभाव नहीं होता है. सब का ख्याल रखा जाता है. इस घटना की भी पूरी जांच की जाएगी और सच्चाई सामने लाई जाएगी.