तौकते तूफान की वजह से गेल कंस्ट्रक्टर नाम के एक बार्ज को अलीबाग के पास लंगर डाल कर ठहराया गया था. लेकिन चक्रवात की वजह से यह लंगर टूट गया और यह बार्ज समुद्र में चला गया. इस जहाज पर 137 लोग सवार थे. बाद में यह बार्ज अलीबाग से 100 किलोमीटर दूर वडरई, पालघर एरिया में पहुंच गया. वडरई, पालघर एरिया में जहाज चट्टानों के बीच फंस गया. जिसके बाद इस पर लदा डीजल लीक करने लगा. इस बार्ज पर 80 हजार लीटर से ज्यादा डीजल लदा है.
भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड ने जहाज से 137 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है. लेकिन चट्टानों की वजह से जहाज के क्षतिग्रस्त होने और डीजल के समुद्र में रिसाव होने की वजह से मछुआरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय लोग, जो मछली पकड़ कर गुजर-बसर कर रहे हैं, उनका आरोप है कि समुद्र में डीजल का रिसाव होने से अब मछलियों में से भी डीजल की गंध आने लगी है. ओएनजीसी, एफकोन, कोस्ट गार्ड और अन्य अधिकारी मिलकर इस रिसाव को रोकने की कोशिश में लगे हैं. इसके साथ ही जल्द से जल्द डीजल को बार्ज से उतारने की कोशिश हो रही है.
अधिकारियों ने डीजल उतारने के लिए 1000 लीटर के बड़े टैंक मंगवाए हैं. वह मछुआरों की मदद से टैंक को स्थानीय लोगों के छोटे नाव पर लादकर जहाज पर पहुंचाते हैं. इसके बाद जहाज पर रखे डीजल को टैंक में भरते हैं और फिर टैंक को स्थानीय लोगों के नाव पर लादकर समुद्र किनारे ले आते हैं.