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PM मोदी की फ्यूल पर वैट में कटौती की अपील पर विपक्ष नाराज, उद्धव और ममता सरकार ने मोदी को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना की समीक्षा बैठक में फ्यूल के रेट में लगातार बढ़ोत्तरी का जिक्र आने पर जवाब दिया. मोदी ने कुछ राज्यों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने वैट नहीं घटाया, जिसकी वजह से फ्यूल के रेट उनके पड़ोसी राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं.

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विपक्ष ने फ्यूल के रेट को लेकर पीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
विपक्ष ने फ्यूल के रेट को लेकर पीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उद्धव बोले- केंद्र का महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार
  • ममता के मंत्री ने कहा- ये ओछी राजनीति की जा रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्यूल पर वैट में कटौती की अपील पर गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गईं हैं. सबसे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पीएम के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उद्धव ने आंकड़े पेश किए और केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी पीएम मोदी पर हमला बोला.

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सीएम ठाकरे ने मुंबई में आज (बुधवार) के डीजल-पेट्रोल के भाव बताए और उनसे केंद्र और राज्य को मिलने वाले टैक्स की भी जानकारी दी. उद्धव ने कहा कि आज के रेट के हिसाब से मुंबई में एक लीटर डीजल पर केंद्र सरकार के लिए 24.38 प्रतिशत और राज्य के लिए 22.37 रुपए प्रति लीटर टैक्स है. इसी तरह पेट्रोल की कीमत में 31.58 रुपए केंद्र सरकार का टैक्स और 32.55 रुपए राज्य सरकार टैक्स है. इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य की वजह से पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है. 

महाराष्ट्र टैक्स जुटाने वाला नंबर वन राज्य

मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्टीकरण के लिए कुछ आंकड़े पेश किए. इसमें बताया कि महाराष्ट्र को कुल केंद्रीय कर का 5.5 प्रतिशत मिलता है. कुल प्रत्यक्ष कर (direct tax) में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 38.3 प्रतिशत है. महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा 15% जीएसटी एकत्र करता है. प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है. इसके बावजूद राज्य पर अभी भी करीब 26,500 करोड़ रुपए का जीएसटी बकाया है.

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ममता बोलीं- हम तीन साल से सब्सिडी दे रहे हैं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम को इस तरह नहीं बोलना चाहिए. आप इस तरह के राज्यों पर बोझ नहीं डाल सकते. केंद्र ने दाम बढ़ाए. आपने एकतरफा टिप्पणी की जो पूरी तरह से भ्रामक है. भाजपा शासित राज्यों को आप सारा पैसा दे दो, लेकिन बंगाल, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के लिए नहीं देते. हम भी राज्य सरकार से सब्सिडी देते हैं. पिछले 3 सालों में हम 1 रुपए की सब्सिडी दे रहे हैं. 

हमें 1500 करोड़ की राजस्व हानि हुई

ममता ने कहा कि हमें 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, लेकिन आपने कभी इसका उल्लेख नहीं किया. आपने सिर्फ इतना कहा था कि राज्यों को और कम करना चाहिए. लेकिन आप कीमतों में बढ़ोतरी करते रहेंगे. केंद्र पर बंगाल का 97 हजार करोड़ बकाया है. मुझे वह पैसा दो और सब्सिडी देंगे. जहां तक हमारे राज्य की बात है, हम पेट्रोल में 1 रुपए सब्सिडी देते हैं. इसमें 1500 करोड़ रुपए राजस्व की हानि हुई. 

50:50% रेवेन्यू मिलना चाहिए: ममता

ममता ने कहा- आपने (मोदी) ये बात एक बार भी नहीं बोली. आपने सिर्फ राज्य सरकार को देने की बात कही. 97 हजार करोड़ रुपया अभी तक आपका हमारे पास बकाया है. हमने कहा था कि शेयर फ्यूल रेवेन्यू 50:50 होगा, लेकिन वे नहीं माने. 75 प्रतिशत ले लेंगे तो राज्य कैसे चलेंगे. राज्य और केंद्र को 50 प्रतिशत रेवेन्यू मिलना चाहिए. लेकिन आप 75 प्रतिशत ले लेते हैं. राज्य और केंद्र को 50 प्रतिशत रेवेन्यू मिलना चाहिए. मैं उनसे (PM) कहूंगी कि स्टेट पर बोझ ना डालें.

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गहलोत का तंज, भोपाल की बजाय जयपुर का नाम ले लिया

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तंज कसा है. उन्होंने कहा- प्रधानमंत्रीजी ने जयपुर का नाम तो लिया, मगर वो संदेश भाजपा शासित राज्यों को ही देना चाह रहे थे. क्योंकि आज भी भोपाल में पेट्रोल-डीजल की कीमतें जयपुर से ज्यादा हैं. संभवत: भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया. गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अब तक तीन बार टैक्स में कटौती की. इससे हर साल करीब 6300 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई, लेकिन PM ने कर्नाटक के 6000 करोड़ और गुजरात के 3500-4000 करोड़ की राजस्व हानि का ही जिक्र किया. संभवत: इन दोनों राज्यों का जिक्र विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया होगा. 

गहलोत ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने 8 सालों में एक्साइज ड्यूटी से करीब 26 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है. यह देश के इतिहास में पहली बार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर सबसे ज्यादा धनराशि एकत्रित की गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 61 डॉलर प्रति बैरल रही हैं तब भी पेट्रोल 110 रुपए और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा मूल्य पर बिक रहा है. यूपीए सरकार में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा रहे, तब पेट्रोल 70 रुपए और डीजल 50 रुपए लीटर से ज्यादा महंगा नहीं रहा.
 

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मोदी ओछी राजनीति कर रहे हैं: ममता सरकार

ममता सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का बयान सामने आया है. पार्थ ने कहा कि PM ओछी राजनीति कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार फरवरी 2021 से पेट्रोल और डीजल दोनों पर लगातार 1 रुपए प्रति लीटर की छूट दे रहा है. जिसकी वजह से ममता सरकार को करीब 1,500 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई है. मगर प्रधानमंत्री ने आज आंकड़े बताने की बजाय ओछी राजनीति के ऑप्शन को चुना.

झारखंड में वैट कम करना जरा मुश्किल काम: बन्ना गुप्ता

झारखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे भी प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल थे. गुप्ता ने कहा कि वाकई केंद्र को चिंता है तो इन कमोडिटी को वो GST के दायरे में क्यों नहीं ले आती? गुप्ता ने कहा कि कई बार हाथ उठाने के बावजूद उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. साफ मानना है कि रेवन्यू जेनेरेशन का झारखंड जैसे राज्यों में कोई तरीका नहीं है. लिहाजा वैट कम करना जरा मुश्किल है.
 

मोदी ने गैर बीजेपी शासित राज्यों के नाम लिए और अपील की

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना की समीक्षा बैठक में फ्यूल के रेट में लगातार बढ़ोत्तरी का जिक्र आने पर जवाब दिया. मोदी ने कुछ राज्यों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने वैट नहीं घटाया, जिसकी वजह से उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम उनके पड़ोसी राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं. जिन राज्यों का पीएम ने नाम लिया, उनमें कोई भी बीजेपी शासित नहीं है. 

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वैट नहीं घटया, इसलिए जनता पर असर पड़ रहा

पीएम ने कहा कि पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल  पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्यों से वैट कम करने को कहा था. लेकिन कई राज्यों ने ऐसा नहीं किया. मोदी ने आगे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु का नाम लेकर कहा कि इन्होंने किसी न किसी वजह से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना- मतलब वैट नहीं घटाया, जिसकी सीधा बोझ आम लोगों पर पड़ता रहा.  

 

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