महाराष्ट्र के पालघर जिले में 20 आश्रम स्कूलों के करीब 250 छात्र फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए. उन्हें मतली, उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन आश्रम स्कूलों में आदिवासियों छात्रों के लिए आवासीय सुविधाएं रहती हैं.
पालघर जिला कलेक्टर गोविंद बोडके ने मीडिया को बताया कि सोमवार को कलामगंज में केंद्रीय रसोई से खाना खाने के कुछ घंटों के भीतर छात्रों को मतली, उल्टी और चक्कर जैसी समस्याएं हुईं, जिसके बाद करीब 250 छात्रों को उनके शिक्षकों द्वारा नजदीकी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाया गया.
150 छात्रों का इलाज जारी
कलेक्टर ने बताया कि उनमें से 150 का अभी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और कासा, तलसारी, वानगांव, पालघर और मनोर के ग्रामीण अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है, जबकि अन्य को छुट्टी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
डीएम समेत कई अधिकारियों ने किया अस्पतालों का दौरा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बोडके ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद, उन्होंने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा किया, जहां छात्रों को भर्ती कराया गया था और केंद्रीय रसोई का भी निरीक्षण किया, जहां से खाद्य सामग्री मंगाई जाती थी.
खाने का सैंपल लैब में भेजा गया
कलेक्टर ने बताया कि राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और पुलिस कर्मियों ने भोजन के नमूने एकत्र किए और उन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेज दिया. उन्होंने कहा कि संबंधित उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) घटना की जांच करेंगे, जबकि एफडीए और पुलिस अपनी स्वतंत्र जांच करेंगे. डिप्टी कलेक्टर सुभाष भागाडे ने बताया कि प्रभावित आश्रम स्कूल एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना (ITDP) के तहत काम कर रहे थे और जिले के दहानू, पालघर, तलासरी और वसई तालुका में स्थित थे.