महाराष्ट्र के सतारा में एक जाति पंचायत ने बेटी से बलात्कार के आरोप में बाप के साथ पीड़ित को भी सजा सुना दी. पंचायत के आदेश पर दोनों को सरेआम 10-10 कोड़े लगाए गए.
घटना सतारा जिले के एक गांव पाचवड़ की है. आरोप है कि एक शख्स ने करीब 4 महीने तक अपनी नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न किया. लोगों को इस बात का पता तब चला जब लड़की प्रेगनेंट हो गई. जाति पंचायत ने कानून को नजरअंदाज करते हुए बाप-बेटी दोनों को सजा देने का फरमान सुना दिया.
इसलिए बेटी को भी दे दी सजा
पंचायत ने पिता तो रेप के आरोप में सजा सुनाई तो बेटी को इस आधार पर सजा दी कि वह इतने दिनों तक सबकुछ चुपचाप सहती क्यों रही. पंचायत ने दलील दी कि पीड़ित बेटी ने चार महीने में एक भी बार इसका विरोध क्यों नहीं किया. ऐसे में वह भी दोषी है.
आरटीआई कार्यकर्ता ने दर्ज कराई शिकायत
एक आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले को लेकर पुलिस से शिकायत की और सबूत के तौर पर पंचायत की कार्यवाही की तस्वीरें भी पेश कीं. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी है. पीड़ित लड़की की मां नहीं है, जिसकी वजह से उसकी जिंदगी अधर में है.