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भारत लौटीं पंकजा मुंडे, भ्रष्‍टाचार के सभी आरोपों को किया खारिज

चिक्की विवाद में फंसी महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे सोमवार देर रात लंदन से मुंबई लौट आई हैं. पंकजा के स्वागत में एयरपोर्ट पर समर्थकों की भारी भीड़ थी. घोटाले के आरोपों में फंसी पंकजा ने कहा कि उनके खिलाफ सियासी साजिश हुई है.

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महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री, पंकजा मुंडे
महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री, पंकजा मुंडे

चिक्की विवाद में फंसी महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे सोमवार देर रात लंदन से मुंबई लौट आई हैं. पंकजा के स्वागत में एयरपोर्ट पर समर्थकों की भारी भीड़ थी. घोटाले के आरोपों में फंसी पंकजा ने कहा कि उनके खिलाफ सियासी साजिश हुई है.

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पंकजा पर 206 करोड़ के घोटाले के आरोप लग रहे हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने कायदे कानून को ताक पर रखकर अपनी पसंद की कंपनियों को आंगनबाड़ी में खाने की चीजे सप्लाई करने का ठेका दिया. पंकजा पर आरोप है कि उन्होंने अयोग्य कॉन्ट्रैक्टर को काम दिया. आंगनबाडी के बच्चों की सेहत का ख्याल रखते हुए महाराष्ट्र सरकार बच्चों को गुड़ और मूंगफली से बनी चिक्की खिलाती है.

'आरोपों को बदलकर रख दूंगी'
लंदन से स्वदेश लौटी पंकजा मुंडे ने पहली बार इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 'मुंडे साहब ने जो संस्कार दिए हैं उसी पर मैं चलती आ रही हूं. जो आरोप लगा है वो मैं पूरी तरह से बदलकर रख दूंगी.'

पंकजा मुंडे के मंत्रालय में एक ही दिन में 206 करोड़ की खरीददारी हुई है जिसमें आदिवासी छात्रों के लिए चिक्की, किताबें, वॉटर फिल्टर जैसी चीजें खरीदी गई. बाद में खुलासा हुआ कि ये सारी खरीददारी बिना किसी टेंडर के हुई है जबकि राज्य सरकार के नियम के मुताबिक एक लाख से ऊपर की सरकारी खरीद के लिए ई टेंडर निकालना जरुरी है.

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कांग्रेस नेता को मिला 114 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट
पंकजा मुंडे ने एक दिन में 206 करोड़ का जो ठेका बांटा था उनमें से 114 करोड़ का ठेका सिंधुदुर्ग की महिला कांग्रेस नेता के एनजीओ को मिला है. सिंधुदुर्ग की महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदन्या परब सूर्यकांता महिला औद्योगिक सहकारी संस्था चलाती हैं.

एनजीओ चलाने वाली प्रदन्या परब का कहना है कि 'हमारी संस्था को जो 80 करोड़ रुपयों का ऑर्डर मिला है उसमें से 52 करोड़ का ऑर्डर तो मूंगफली की चिक्की का है और 23 करोड़ का ऑर्डर राजगिरा की चिक्की का मिला है. जिले में हमारी एकमात्र संस्था है जो इन दो पदार्थो से चिक्की बनाने का काम करती है और पिछले तीन साल से ये काम हम कर रहे है. जहां तक ई-टेंडरिंग की बात है हम जैसी महिला संस्था इस प्रक्रिया में टिक नही सकती, इसलिए शासन ने हमें आरसी दी है, और इसी आधार पर हमारा काम चल रहा है.'

 

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