महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे के चप्पल उनके एक कर्मचारी के हाथ में दिखने के बाद वह फिर से विवादों में घिर गई हैं. पंकजा हाल ही में प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाकों के दौरे पर गईं थीं, उसी दौरान यह घटना हुई.
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मौके पर पंकजा पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह उनकी मनोवृत्ति को दर्शाता है. हालांकि पंकजा ने अपना बचाव करते हुए कहा कि, उनका चप्पल उठाने वाला व्यक्ति कोई सरकारी कर्मचारी नहीं, बल्कि उनका निजी कर्मचारी था. प्रदेश के परभानी जिले के सोनपेठ के दौरे पर पंकजा ने आगे फिसलन भरी सड़क देखकर अपनी चप्पल उतार दी थी. वह नंगे पांव आगे बढ़ गईं जबकि पीछे किसी व्यक्ति ने उनके चप्पल उठाए.
पंकजा ने बुधवार शाम को कहा कि मीडिया ने देखा कि मैंने चप्पल उतारी, और किसी ने उन्हें उठाया. लेकिन मीडिया को यह नहीं दिखा कि नंगे पांव चलने में मुझे कितनी तकलीफ हुई? फिसलन भरी सड़क देखकर मैंने सामान्य रूप से अपनी चप्पल उतार दी और आगे बढ़ गईं. मुझे तो पता भी नहीं था कि किसी ने मेरे चप्पल उठाए हैं. इस बात का मुझे बाद में पता चला.
उन्होंने कहा, वह व्यक्ति मेरा निजी कर्मचारी है. कोई सरकारी कर्मचारी नहीं है. असली खबर सूखा और किसानों की हालत है. कांग्रेस प्रवक्ता अल-नसीर जकारिया ने कहा कि इस घटना ने पंकजा के दावों की धज्जि्यां उड़ा दी हैं कि उन्हें गरीबों के दुख का एहसास है.
-इनपुट भाषा