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वसूली कांड: अपने खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जांच को लेकर परमबीर सिंह फिर पहुंचे बॉम्बे हाईकोर्ट

परमबीर के आरोप के बाद अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था. रोहतगी ने कहा कि 1 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार ने सिंह के खिलाफ जांच शुरू की. इस बारेे में उद्धव सरकार ने ना ही बॉम्बे हाईकोर्ट और ना ही सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी. यह जांच सेम रैंक के सीनियर अधिकारी कर रहे हैं.

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परमबीर सिंह ने फिर से बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. (फाइल फोटो)
परमबीर सिंह ने फिर से बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुकुल रोहतगी ने रखा परमबीर का पक्ष
  • जांच अधिकारी से मिले परमबीर सिंह
  • रोहतगी ने लगाया जांच में गड़बड़ी का आरोप

महाराष्ट्र में वसूलीकांड के मामले में मुंबई के पूर्व सीपी परमबीर सिंह ने एक बार फिर से बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने जांच शुरू की है. जांच के खिलाफ परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिताले के समक्ष परमबीर सिंह की तरफ से मुकुल रोहतगी पेश हुए.

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रोहतगी ने परमबीर की याचिका समेत अन्य तारीखों का जिक्र किया. परमबीर के आरोप के बाद अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था. रोहतगी ने कहा कि 1 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार ने सिंह के खिलाफ जांच शुरू की. इस बारे में उद्धव सरकार ने ना ही बॉम्बे हाईकोर्ट और ना ही सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी. यह जांच सेम रैंक के सीनियर अधिकारी कर रहे हैं. सिंह ने 31 मार्च को  बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था और पांच अप्रैल को कोर्ट ने एक आदेश पारित किया था.

1 अप्रैल को देशमुख ने प्रारंभिक जांच का आदेश दिया और इसका कभी खुलासा नहीं किया गया. यह जांच में गड़बड़ी है. बाद में नए गृह मंत्री ने एक और जांच शुरू की. परमबीर ने महाराष्ट्र के डीजीपी से मुलाकात की जो इस समय जांच कर रहे हैं. सिंह ने बातचीत रिकॉर्ड भी की है और इसकी ट्रांसक्रिप्ट याचिका में लगाई है.

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डीजीपी पांडे ने उनसे सिस्टम से लड़ने से मना किया. सिंह ने कहा कि मुझे  वो पत्र वापस ले लेना चाहिए  जो मैंने सीएम उद्धव को लिखा था जिसके बाद देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई. रोहतगी ने कहा कि सिंह के खिलाफ कुछ फर्जी शिकायतें दर्ज होने की चर्चा थी जो बीती रात सही साबित हुई. एक पुलिसकर्मी चार्जशीट के साथ सिंह के खिलाफ थाणे शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था जब वहां से उसे इनकार किया गया तो वह अकोला चला गया.

 

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