परभणी में गुरुवार को एक असहज शांति रही. पुलिस ने संविधान की प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाने को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रतिकृति को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने वाले मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, फिर भी हिंसा अस्वीकार्य है.
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित विपक्षी नेताओं ने संविधान के 'अपमान' की निंदा की. वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस ने सरकार से हिंसा के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों पर 'अत्याचार' नहीं करने को कहा है.
'हिरासत में लिए गए 50 लोग'
पुलिस ने कहा कि बुधवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 20 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. परभणी कलेक्टर रघुनाथ गावड़े ने न्यूज एजेंसी को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है. अधिकारी ने कहा, 'लगभग 50 लोगों को तोड़फोड़ के आरोप में हिरासत में लिया गया है.'
उन्होंने कहा, 'पवार नाम के एक व्यक्ति को संविधान की प्रतिकृति को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उसे मानसिक समस्याएं हैं. हमें उसकी मानसिक स्थिति की पुष्टि करने वाले चिकित्सा दस्तावेज मिले हैं.' उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है कि क्या हिंसा के पीछे कोई राजनीतिक मकसद था.
परभणी में भड़की हिंसा
महाराष्ट्र के परभणी में बुधवार को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर लगे संविधान की रेप्लिका को तोड़ने का मामला सामने आया था. इसके बाद यहां हालात बिगड़ गए और बंद की घोषणा कर दी गई. देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गए और लोगों ने आगजनी की.
'कार्रवाई के बावजूद हिंसा स्वीकार्य नहीं'
दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाने में शामिल 'मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति' को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा, 'फिर भी, कार्रवाई किए जाने के बावजूद हिंसा हुई. यह स्वीकार्य नहीं है. संविधान का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है.'