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Maharashtra: फीस नहीं भरने पर 3 घंटे तक क्लास में अकेले बैठाया, चक्कर खाकर गिर पड़ा 10वीं का स्टूडेंट

Maharashtra Latest News: स्टूडेंट चंदन के पिता मनोज का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. नौकरी चली गई, वह फीस नहीं दे सकते. हालांकि जैसे ही पैसा मिलता है वह फीस जमा कर देंगे.

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छात्र और उसके पिता
छात्र और उसके पिता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र के डोंबिवली में चौंकाने वाली घटना
  • फीस ना भरने पर छात्रा को अकेले बैठाया

Maharashtra News: महाराष्ट्र में डोंबिवली के ग्रीन इंग्लिश स्कूल के 10वीं क्लास के स्टूडेंट चंदन गिरी को स्कूल फीस नहीं देने पर 3 घंटे तक एक कमरे में अकेले रखा गया. उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि इससे को उसे चक्कर आया. स्कूल प्रबंधन ने इस बारे में पूछे जाने पर सभी आरोपों का खंडन किया. आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए स्कूल प्रबंधन ने बताया कि उसे बगल की क्लास में बैठाया गया था.

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डोंबिवली के आजदे गांव निवासी मनोज गिरी का 16 साल का बेटा चंदन गिरि एमआईडीसी आवासीय क्षेत्र के ग्रीन हाई स्कूल में दसवीं क्लास में पढ़ता है. नौवीं क्लास पास करने के बाद उनके स्कूल में दसवीं की क्लास शुरू हो गई है. बुधवार को रोज की तरह चंदन स्कूल गया. सभी बच्चे क्लास में बैठे थे. पहले घंटे के अंत में, स्कूल के टीचर्स ने चंदन से कहा कि अपने पिता को बुलाओ और फिर उसे एक कमरे में अकेले बैठने के लिए कहा.

चंदन करीब तीन घंटे तक क्लास में अकेला बैठा रहा. घर की आर्थिक स्थिति खराब है. चंदन यह सोचकर स्तब्ध हो गया कि फीस कैसे चुकाई जाए. स्कूल छुट्टी हुई तो चंदन को चक्कर आ गया और वह चक्कर खाकर गिर पड़ा. स्कूल के लोगों ने उसे उठाया, उसका प्राथमिक उपचार किया और उसके पिता को बुलाया. पिता मनोज गिरी ने तुरंत अपने बेटे को शास्त्रीनगर अस्पताल में भर्ती कराया. 

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चंदन के पिता मनोज का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. नौकरी चली गई, वह फीस नहीं दे सकते. हालांकि जैसे ही पैसा मिलता है वह फीस जमा कर देंगे. चंदन के पिता पिछले दो साल से काम नहीं कर रहे हैं. घर की खराब वित्तीय स्थिति के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. महावितरण ने घर की बिजली बिल का भुगतान ना करने के कारण भी बिजली काट दी है. चंदन गिरी के पिता मनोज गिरी ने बताया कि इस वजह से पिछले चार महीने से घर में रोशनी नहीं है और बच्चे पड़ोसियों के घरों में जाकर पढ़ाई करते हैं.

वहीं, ग्रीन इंग्लिश हाई स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों के सभी आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि हमने बच्चे को कोई तकलीफ नहीं दी. पिछले दो साल से फीस का भुगतान नहीं किया गया है इसलिए हमने उसे उसके पिता को बुलाने को कहा था. बस बगल की क्लास में बैठाया गया था. स्कूल के खिलाफ लगे आरोपों को भी प्रबंधन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया.


 

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