केंद्र सरकार द्वारा दिवाली से पहले पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई, जिससे पेट्रोल और डीजल सभी राज्यों में क्रमश: 5 और 10 रुपये सस्ता हो गया. इसके बाद कुछ राज्यों ने वैट में भी कटौती की, जिससे उन राज्यों में ईंधन की कीमत और घट गई. लेकिन महाराष्ट्र ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. इस बीच महाराष्ट्र सरकार की तरफ से शरद पवार और सांसद अरविंद सावंत ने केंद्र पर हमला बोला है.
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार पहले महाराष्ट्र की GST की वह रकम अदा करे जो उस पर बकाया है. उसके बाद पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने पर राज्य सरकार निर्णय लेगी. पवार ने कहा, 'राज्य सरकार से जरूर लोगों को राहत मिलेगी. सरकार जरूर ऐसे कदम उठाएगी, लेकिन पहले केंद्र सरकार राज्य सरकार को GST की बकाया रकम अदा करे.' पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने भी केंद्र सरकार से यह बात कह दी है.
ढोल पीट रही केंद्र सरकारः शिवसेना सांसद
दूसरी ओर, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि पांच रुपये (पेट्रोल पर) कम करके केंद्र सरकार ढोल पीट रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी को और कम कर दे, खुद ही लोगों को ईंधन सस्ता मिलने लगेगा. सावंत ने भी GST शेयर का मुद्दा उठाया. वह बोले कि GST शेयर मिलने पर राज्य सरकार भी लोगों को राहत देने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में VAT राजनीतिक कारणों से घटाया गया है.
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 25 फीसदी और डीजल पर 21 फीसदी वैट लगाती है. वैट और सेल्स टैक्स से सरकार को सालाना लगभग 40 हजार करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त होता है. बता दें कि महाराष्ट्र का केंद्र पर GST बकाया है, इसी का शरद पवार ने जिक्र किया. मार्च 2021 में ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बताया था कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केंद्र पर अभी 29,290 करोड़ रुपये का बकाया लंबित है.