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Maharashtra Crisis : 'सत्ता की ताकत थी, वरना ढाई साल भी नहीं चलती उद्धव सरकार'!

इस मामले में कहीं बीजेपी ने चाबी तो नहीं भरी के सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा कि भूकंप को जब आना होता है, तब वो आता ही है. इसमें कोई कुछ कर नहीं सकता. ये दैवीय है. अभी हम जो देख रहे हैं उसकी उम्मीद हमें पहले से थी.

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पीयूष गोयल (Photo : Hemant Rawat)
पीयूष गोयल (Photo : Hemant Rawat)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विचारधारा की बैंकरप्सी था ये गठबंधन
  • नफरत करने वाली पार्टियां बनी दोस्त

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार पर पिछले चार दिन से सियासी संकट छाया हुआ है. मुख्यमंत्री आवास छोड़ चुके ठाकरे अपनी ही पार्टी के भीतर अल्पमत में आ चुके हैं और बगावत करने वाले नेता एकनाथ शिंदे लगातार खुद को मजबूत कर रहे है. इस बीच केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि ये सरकार सत्ता की ताकत के चलते ढाई साल चल गई और उसने ही इस अनैतिक गठबंधन को गोंद की तरह चिपका कर रखा.

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विचारधारा की बैंकरप्सी था ये गठबंधन
पीयूष गोयल बिजनेस टुडे के माइंड रश कार्यक्रम (BT MindRush) में बोल रह थे. जब उनसे मुंबई बॉय होने के नाते महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- ये पूरी तरह अनैतिक गठबंधन था. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कई साल पहले एक इंटरव्यू में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से गठबंधन को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर ऐसी स्थिति आती है तो वे अपनी पार्टी को डिजॉल्व करना बेहतर समझेंगे. मैंने आज तक विचारधारा की ऐसी बैंकरप्सी नहीं देखी, जैसी महाराष्ट्र में देखने को मिली.

नफरत करने वाली पार्टियां बनी दोस्त
गोयल ने कहा कि विचारधारा की बैंकरप्सी इस गठबंधन के सभी सहयोगियों में देखने को मिली. मतलब जो पार्टियां हमेशा एक-दूसरे से नफरत करती रहीं, उन्हें अचानक से एक-दूसरे में गुण ही गुण नजर आने लगे. पिछले ढाई साल में वहां अनैतिक सरकार काम कर रही थी. ये पूरी तरह से भ्रष्ट सरकार है. महाराष्ट्र में हमारे पास दो राज्यसभा सीट जीतने की ही क्षमता थी, लेकिन हमने तीन सीट जीती. ये वहां लोगों के गुस्से को दिखाता है. इस अनैतिक सरकार में अब भी कुछ लोग हैं जो अपनी विचारधारा पर अटल हैं.

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बीजेपी की भरी चाबी तो नहीं?
इस मामले में कहीं बीजेपी ने चाबी तो नहीं भरी के सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा कि भूकंप को जब आना होता है, तब वो आता ही है. इसमें कोई कुछ कर नहीं सकता. ये दैवीय है. अभी हम जो देख रहे हैं उसकी उम्मीद हमें पहले से थी. ये सरकार किसी तरह ढाई साल चल गई, ये दिखाता है कि सत्ता में कितनी शक्ति होती है. उनकी पार्टी के कुछ सांसद तो हमारे पास आकर ये तक कह चुके हैं कि हमें नहीं पता कि 2024 में हम दोबारा कैसे चुने जाएंगे क्योंकि पिछली बार हमने मोदी जी का चेहरा लगाकर चुनाव जीता था.

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