scorecardresearch
 

ईद से पहले HC से मांगी सांडों-बैलों के वध की इजाजत

ईद से पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर उन सांडों-बैलों के वध की इजाजत मांगी गई है, जो प्रजनन और खेती के लायक नहीं हैं. कोर्ट से महाराष्ट्र सरकार को मांस निर्यात करने की अनुमति देने के निर्देश की मांग की गई है.

Advertisement
X
बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट

ईद से पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर उन सांडों-बैलों के वध की इजाजत मांगी गई है, जो प्रजनन और खेती के लायक नहीं हैं. कोर्ट से महाराष्ट्र सरकार को मांस निर्यात करने की अनुमति देने के निर्देश की मांग की गई है.

चीफ जस्टिस मोहित शाह और अनिल मेनन की खंडपीठ के सामने मांस कारोबारी अंसारी मोहम्मद उमर और शेख सादिक बाबूलाल की ओर से याचिका दाखिल की गई. इसमें संशोधित महाराष्ट्र पशु संरक्षण कानून को चुनौती दी गई है.

याचिका में कहा गया है कि हम गायों को मारने पर लगी पाबंदी को चुनौती नहीं दे रहे. हम सांडों-बैलों को मारने पर लगी पाबंदी को चुनौती दे रहे हैं. संशोधित कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के खिलाफ है.

पाबंदी हटाने की मांग
दोनों याचिकाकर्ताओं ने पाबंदी हटाने की मांग करते हुए ऐसे सांडों-बैलों के वध की अनुमति मांगी है, जो बूढ़े, प्रजनन या किसी खेती से जुड़े काम के लायक नहीं हैं. इसके लिए सरकार और पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई है.

पहले गौवध पर थी पाबंदी
बताते चलें कि महाराष्ट्र सरकार ने कानून में हालिया संशोधन के तहत सरकार ने सांडों-बैलों को मारने और उनके मांस के आयात-निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी. इससे पहले, इस कानून के तहत सिर्फ गायों को मारने पर पाबंदी थी.

Advertisement
Advertisement